जापान के हायाबुसा-2 का अध्ययन बताता है कि पृथ्वी पर पानी क्षुद्रग्रह लाए होंगे
नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में 15 अगस्त को प्रकाशित एक लेख में जापान के वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि सौर मंडल के बाहरी किनारों से पानी और कार्बनिक पदार्थ हमारे ग्रह पृथ्वी पर लाए गए होंगे। जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) हायाबुसा -2 प्रोब (Hayabusa-2 probe) द्वारा एकत्र किए गए क्षुद्रग्रह रयुगु (asteroid Ryugu) से नमूनों का विश्लेषण करने के बाद वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।
हायाबुसा -2 दिसंबर 2020 में क्षुद्रग्रह रयुगु से 5.4 ग्राम चट्टानें और धूल पृथ्वी पर लेकर लौटा था।
हायाबुसा -2 मिशन दिसंबर 2014 में लॉन्च किया गया था। डॉयचे वेले की 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्ष यान, जो लगभग एक रेफ्रिजरेटर के आकार का था, ने अपनी यात्रा के दौरान 5 बिलियन किलोमीटर से अधिक की यात्रा की।
अंतरिक्ष यान 2018 के मध्य में क्षुद्रग्रह पर पहुंचा जिसके बाद उसने सतह पर दो रोवर और एक छोटा लैंडर तैनात किया। वर्ष 2019 में, अंतरिक्ष यान ने 10 मीटर से थोड़ा अधिक व्यास वाले एक कृत्रिम गड्ढा बनाने के लिए क्षुद्रग्रह की सतह में एक इम्पैक्टर दागा था। इस तरह क्षुद्रग्रह रयुगु के सैंपल एकत्रित किये गए।
दिसंबर 2020 में, हायाबुसा -2 सुरक्षित रूप से दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई आउटबैक में उतरने में सफलता प्राप्त की।
हायाबासु 2 के पूर्ववर्ती, हायाबुसा मिशन, 2010 में क्षुद्रग्रह इटोकावा (Itokawa) से सैंपल लेकर आया था।
क्या हैं क्षुद्रग्रह (asteroid)?
क्षुद्रग्रह (asteroid) चट्टानी पिंड हैं जो सूर्य की परिक्रमा करती हैं, जो ग्रहों की तुलना में बहुत छोटी हैं। इन्हें लघु ग्रह भी कहा जाता है।
नासा के अनुसार, 994,383 ज्ञात क्षुद्रग्रह हैं, जो 4.6 अरब साल पहले सौर मंडल के निर्माण के अवशेष हैं।
क्षुद्रग्रहों को तीन वर्गों में बांटा गया है:
पहले वर्ग ऐसे क्षुद्रग्रह हैं जो मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट में पाए जाते हैं, जो कि 1.1-1.9 मिलियन क्षुद्रग्रहों के बीच कहीं होने का अनुमान है।
दूसरा समूह ट्रोजन क्षुद्रग्रह (trojans) का है, जो एक बड़े ग्रह के साथ कक्षा साझा करते हैं। नासा ने बृहस्पति, नेपच्यून और मंगल ट्रोजन की के मौजूद होने की पुष्टि की है। वैसे वर्ष 2011 में, नासा एक पृथ्वी ट्रोजन की भी पुष्टि की।
तीसरे प्रकार में नियर-अर्थ क्षुद्रग्रह (NEA) है, जिनकी कक्षाएं पृथ्वी के करीब से गुजरती हैं। जो पृथ्वी की कक्षा को पार करते हैं उन्हें अर्थ-क्रॉसर्स (Earth-crossers) कहा जाता है।
10,000 से अधिक ऐसे क्षुद्रग्रह ज्ञात हैं, जिनमें से 1,400 से अधिक को संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रहों (potentially hazardous asteroids) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।