‘खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि’ (ITPGRFA) के GB9 की मेजबानी करेगा भारत

भारत 19 से 24 सितंबर, 2022 तक नई दिल्ली में ‘खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि’ (International Treaty on Plant Genetic Resources for Food and Agriculture: ITPGRFA) के शासी निकाय के 9वें सत्र (GB9) की मेजबानी करेगा।

GB9 का आयोजन “सेलिब्रेटिंग द गार्जियंस ऑफ क्रॉप डायवर्सिटी: टूवर्ड्स ए इनक्लूसिव पोस्ट-2020 ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क” विषय के तहत किया जा रहा है।

इस विषय का उद्देश्य PFRFA के प्रभावी प्रबंधन में दुनिया के छोटे किसानों के योगदान को स्वीकार करना है, जबकि यह विचार करने का अवसर प्रदान करना है कि संधि और इसका समुदाय नए वैश्विक जैव विविधता ढांचे में कैसे योगदान देगा।

ITPGRFA के 9वें सत्र का आयोजन सभी भाग लेने वाले देशों के कृषक समुदाय के लाभ के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों के विकास, संरक्षण और सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगा। देशों के बीच तकनीकी प्रगति के वैज्ञानिक आदान-प्रदान से वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी।

विभिन्न देशों के पास उपलब्ध पौधे आनुवंशिक संसाधन फसलों की बेहतर गुणवत्ता और उच्च उत्पादकता सुनिश्चित करने के लिए नई किस्मों के विकास के लिए आधार सामग्री के रूप में कार्य करेंगे।

ITPGRFA के बारे में

ITPGRFA संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के 31वें सत्र के दौरान नवंबर, 2001 में रोम में अपनाया गया एक कानूनी रूप से बाध्यकारी व्यापक समझौता है, जो 29 जून, 2004 को लागू हुआ। वर्तमान में भारत सहित इसके 149 अनुबंधित पक्ष हैं।

यह संधि खाद्य और पोषण सुरक्षा के साथ-साथ जलवायु अनुकूल कृषि प्राप्त करने के लिए समाधान प्रदान करती है।

PGRFA के लिए विभिन्न देश आपस में एक दूसरे पर निर्भर हैं और इसके परिणामस्वरूप पहुंच और लाभ साझा करने की सुविधा के लिए एक वैश्विक व्यवस्था आवश्यक है।

भारत समृद्ध फसल आनुवंशिक संसाधनों से संपन्न है और नई किस्मों के प्रजनन के लिए आनुवंशिक विविधता का उपयोग करने के लिए कानूनी, संस्थागत और शैक्षिक बुनियादी ढांचे को सफलतापूर्वक स्थापित किया है।

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