कैमरून की कुक क्रेटर झील के रंग में परिवर्तन से स्थानीय लोगों में दहशत
29 अगस्त, 2022 को उत्तर-पश्चिम कैमरून में कुक झील (Lake Kuk) के रंग और गंध में अचानक परिवर्तन से स्थानीय निवासियों में चिंता और दहशत फैल है। इसके पीछे कारण भी है। इस डर की पीछे वर्ष 1986 में घटी एक घटना है, जो कि कुक झील से केवल 10 किमी दूर न्योस झील (Lake Nyos) में घटित हुई थी।
21 अगस्त 1986 को, लेक न्योस ने घातक गैसों (मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड) का उत्सर्जन किया, जिससे 1,746 लोगों और लगभग 8,300 पशुओं का दम घुट गया। इस तरह की यह पहली घटना नहीं थी।
उससे दो साल पहले, न्योस झील से लगभग 100 किमी दक्षिण-पश्चिम में मोनोउम झील (Lake Monoum) ने 37 लोगों की जान ले ली थी।
वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी के मेंटल से निकली कार्बन डाइऑक्साइड गैस सदियों से झील के तल पर जमा हो रही थी। भूस्खलन के कारण झील के पानी के अचानक अस्थिर हो जाने के कारण लगभग 1.24 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड गैस अचानक उत्सर्जित हुआ। इसने घाटी में रास्ते में लोगों, जानवरों, कीड़ों और पक्षियों को मार डाला, फिर वायुमंडल में फैल गया जहां यह हानिरहित हो गया।
कुक और न्योस, दोनों ही झीलें ज्वालामुखीय गतिविधि के क्षेत्र में स्थित क्रेटर झीलें (crater lakes) हैं जिन्हें कैमरून ज्वालामुखी रेखा (Cameroon Volcanic Line) के रूप में जाना जाता है।
एक झील जो ज्वालामुखीय क्रेटर या काल्डेरा में बनती है, या जो किसी उल्कापिंड के कारण या मनुष्यों द्वारा किए गए कृत्रिम विस्फोट से इम्पैक्ट वाले क्रेटर में बदल जाता है -उसे क्रेटर झील कहा जाता है।
दुनिया भर की अन्य झीलें जो इसी तरह का खतरा पैदा करती हैं, उनमें रवांडा और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य की सीमा पर किवु झील (Lake Kivu), तंजानिया में झील एनगोजी (Lake Ngozi) और इटली में मोंटिशियो झील (Lake Monticchio) शामिल हैं।
वर्तमान में यह माना जाता है कि, कैमरून की ज्वालामुखी रेखा पर 43 क्रेटर झीलों में से 13 गहरी और काफी बड़ी हैं जिनमें घातक मात्रा में गैसें हैं।