‘किलोनोवा’ (kilonova) की आफ्टरग्लो को रिकॉर्ड किया गया

पहली बार, खगोलविदों ने एक महान ब्रह्मांडीय परिघटना, जिसे ‘किलोनोवा’ (kilonova) कहा जाता है, की उत्तरदीप्ति (afterglow) का पता लगाया है। शोधकर्ताओं को लगता है कि उन्होंने नासा के चंद्र एक्स-रे वेधशाला द्वारा कैप्चर किए गए एक्स-रे के रूप में 2017 “किलोनोवा घटना” से एक ‘आफ्टरग्लो’ का पता लगाया है।

  • नए अध्ययन का नेतृत्व इवान्स्टन, इलिनोइस में नॉर्थवेस्टर्न सेंटर फॉर इंटरडिसिप्लिनरी एक्सप्लोरेशन एंड रिसर्च इन एस्ट्रोफिजिक्स (CIERA) के विशेषज्ञों ने किया है।
  • जब दो न्यूट्रॉन तारे एक-दूसरे की परिक्रमा करते हैं, तो वे गुरुत्वाकर्षण विकिरण के कारण धीरे-धीरे अंदर की ओर सर्पिल होते हैं, लगभग दो सिक्कों की तरह जो एक चैरिटी कॉइन स्पिनर के केंद्र तक नाचते-नाचते एक साथ घूमते हैं। जब दो न्यूट्रॉन तारे मिलते हैं, तो उनके विलय से द्रव्यमान के आधार पर या तो अधिक विशाल न्यूट्रॉन तारे या ब्लैक होल का निर्माण होता है।
  • वर्ष 2017 में वैज्ञानिकों ने GW170817 नामक एक गुरुत्वाकर्षण तरंग संकेत के लिए NGC 4993 नामक आकाशगंगा में दो न्यूट्रॉन तारों के विलय का पता लगाया था। मौजूदा मामले में, GW170817 विलय घटना के साथ उच्च-ऊर्जा कणों का एक संकीर्ण जेट का पता लगाया है।

क्या है ‘किलोनोवा’ (kilonova)?

  • ‘किलोनोवा’ विशाल विस्फोट हैं जो न्यूट्रॉन तारों के एक दूसरे से टकराने के कारण होते हैं, जो अंतरिक्ष के माध्यम से उच्च-ऊर्जा कणों का एक तीव्र जेट भेजते हैं।
  • वे रेडियोधर्मी प्रकाश का एक चमकदार फ्लैश उत्पन्न करते हैं जो चांदी, सोना, प्लेटिनम और यूरेनियम जैसे बड़ी मात्रा में तत्वों को उत्सर्जित करते हैं ।
  • दो न्यूट्रॉन सितारों के बीच विलय एक परंपरागत ‘नोवा’ की तुलना में 1,000 गुना तेज विस्फोट करता है।

क्या हैं न्यूट्रॉन तारे ?

  • न्यूट्रॉन तारे मृत तारों के नष्ट, जले हुए कोर हैं।
  • जब बड़े तारे अपने जीवन के अंत तक पहुँचते हैं, तो तारे की बाहरी परतों को उड़ाते हुए उनका कोर ढह जाता है।
  • अपने पीछे यह एक अत्यंत सघन वस्तु छोड़ जाता है जिसे न्यूट्रॉन तारे के रूप में जाना जाता है, जो एक शहर के आकार के सूर्य में निहित द्रव्यमान से अधिक द्रव्यमान अपने में समाये रखता है।
  • एक न्यूट्रॉन तारे का द्रव्यमान आमतौर पर पृथ्वी के द्रव्यमान का 5 लाख गुना होता है, लेकिन उनका आकार केवल लगभग 20 किलोमीटर (12 मील) होता है।
  • इस तारे की मुट्ठी भर सामग्री का वजन माउंट एवरेस्ट जितना होगा।
  • वे बहुत गर्म होते हैं, संभवतः एक लाख डिग्री सेल्सियस जितना, अत्यधिक रेडियोधर्मी होते हैं, और अविश्वसनीय रूप से तीव्र चुंबकीय क्षेत्र वाले होते हैं।

GS टाइम्स UPSC प्रीलिम्स (PT) करेंट अफेयर्स, पर्यावरण और टर्म्स आधारित दैनिक ऑनलाइन टेस्ट के लिए यहाँ क्लिक करें  

यूपीपीसीएस, बीपीएससी, आरपीएससी, जेपीएससी, एमपीपीएससी पीटी परीक्षा के लिए दैनिक करंट अफेयर्स क्विज यहां क्लिक करें

error: Content is protected !!