एर्गोट्रॉपी (Ergotropy) -भविष्य की ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी के लिए क्वांटम एंटेंगलमेंट का उपयोग

इनटेंगल्ड फोटॉनों के प्रयोग के साथ ही इस वर्ष भौतिकी में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले अग्रणी क्वांटम सूचना विज्ञान की स्थापना ने भी भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा थर्मोडायनामिक्स  तथा क्वांटम इन्फॉर्मेशन थ्योरी (QIT) के नियमों के बीच संबंधों की खोज करने वाली एक नई सैद्धांतिक कांसेप्ट को देखा है।

यह नई कांसेप्ट  भविष्य की ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी के लिए क्वांटम एंटेंगलमेंट का भरपूर उपयोग करने की सुविधा प्रदान कर सकती है।

वैज्ञानिकों ने ‘एर्गोट्रॉपी’ (ergotropy) नामक नयी कांसेप्ट का सिद्धांत प्रतिपादित किया है जो एक सिस्टम से निकालने योग्य कार्य की मात्रा को अपनी एन्ट्रापी/entropy (measure of randomness of a system) को स्थिर रखकर दर्शाता है।

यदि इस विचार का उपयोग किया जाए तो यह क्वांटम बैटरियों को इस तरह से उपयोग करने के लिए वे मार्ग खोल सकता है जो इसके क्लासिकल समकक्षों की तुलना में बहुत अधिक कुशल हैं।  

उन्होंने ऐसी थर्मोडायनामिक क्वांटिटीज का प्रस्ताव दिया है जो अनेक भागों में विभक्त क्वांटम सिस्टम में एक ऐसा स्वरूप अपना लेती हैं जिसे ‘जेनुइन मल्टीपैरटाइट इन्टैन्गलमेंट’ (genuine multipartite entanglement) कहा जाता है जिसमें कई कण अलग होने पर भी एक इकाई की तरह व्यवहार करते हैं।  

थर्मोडायनामिक के अनुसार, ऊष्मीय संतुलन की अवस्थाएं (thermal equilibrium states) पूरी तरह से निष्क्रिय अवस्थाएं हैं क्योंकि ऐसी स्थिति से कोई काम नहीं किया जा सकता है, भले ही इस प्रकार की कई  अवस्थाएं विद्यमान हों।

परन्तु स्थिति तब और जटिल हो जाती है जब ये अवस्थाएं आपस में इनटेंगल्ड हो जाती हैं।  ऐसी अवस्थाओं की स्थानीय उष्मीयता (Local thermality) या स्थानीय निष्क्रियता (local passivity) का हमेशा यह अर्थ नहीं होता है कि वैश्विक अवस्थाएं एवं परिस्थितियाँ थर्मल अथवा पैसिव है इसलिए इनसे ग्लोबल ऑपरेशन के अंतर्गत ऊर्जा का उपयोगी रूप निकाला जा सकता है। इसलिए, विभिन्न माध्यमों से किसी भी समग्र क्वांटम सिस्टम से एर्गोट्रोपिक कार्य निरूपित किया जा सकता है।

उपयोगी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए व्यक्ति स्थानीय रूप से अलग – अलग हिस्सों की जांच कर सकता है जिसे बाद में उपयोग के लिए बैटरियों में संग्रहीत किया जा सकता है। पूरी समग्र प्रणाली की भी जांच की जा सकती है, जिसके परिणामस्वरूप उससे अधिक कार्य  की निकासी हो सकती है। व्यक्तिगत भागों से कार्य निष्कर्षण (extraction) और समग्र प्रणाली से कार्य निष्कर्षण के बीच के अंतर को ही एर्गोट्रोपिक गैप (ergotropic gap) कहा जाता है।

यदि किसी मिश्रित क्वांटम सिस्टम के हिस्से एक इंटेंगल्ड अवस्था में तैयार किए जाते हैं तो ऐसी अवस्था में एर्गोट्रोपिक गैप को बढ़ाया जा सकता है। बदले में यह किसी भी संलिप्तता का पता लगाने के लिए प्रयोगात्मक रूप से कुशल ऐसी विधि प्रदान करता है जिसने कई नयाचारों (प्रोटोकॉल्स) – जैसे क्वांटम टेलीपोर्टेशन, क्वांटम सुपर डेंस कोडिंग और सुरक्षित क्वांटम कुंजी वितरण के लिए उपयोगी संसाधन स्थापित किए हैं जिनका भौतिकी और कंप्यूटर विज्ञान पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

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