एपिस कारिंजोडियन: पश्चिमी घाट में मधुमक्खी की एक नई प्रजाति की खोज

पश्चिमी घाट में स्थानिक मधुमक्खी की एक नई प्रजाति की खोज की गई है। नई प्रजाति का नाम एपिस कारिंजोडियन (Apis karinjodian) रखा गया है और इसे कॉमन नाम इंडियन ब्लैक हनीबी (Indian black honeybee) दिया गया है।

यह खोज एंटोमॉन के सितंबर अंक में प्रकाशित हुई है, जो कि एसोसिएशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ एंटोमोलॉजी द्वारा लाई गई एक सहकर्मी की समीक्षा की गई पत्रिका है।

पिछले 200 से अधिक वर्षों के अंतराल के बाद पश्चिमी घाट में मधुमक्खी की एक नई प्रजाति देखी गई है। इससे पहले भारत में खोजी गयी अंतिम मधुमक्खी प्रजाति एपिस इंडिका (Apis indica) थी जिसे 1798 में फेब्रियस द्वारा खोजा गया था। हालांकि फैब्रिसियस ने भारतीय मधुमक्खी का नाम एपिस इंडिका रखा था, लेकिन इसे अब तक वैध प्रजाति नहीं माना गया था।

अनुसंधान दल ने मधुमक्खियों में प्रजातियों में अंतर की पहचान के लिए एक नयी पद्धति ‘रेडियो-मेडियल इंडेक्स (RMI: Radio-Medial Index)’ के आधार पर एपिस इंडिका की पूर्व स्थिति को बहाल कर दिया।

एपिस कारिंजोडियन एपिस सेराना मॉर्फोटाइप (Apis cerana morphotypes) से विकसित हुआ है जो पश्चिमी घाट के गर्म और आर्द्र वातावरण के अनुकूल हो गया है।

एपिस कारिंजोडियन मध्य पश्चिमी घाट और नीलगिरी से लेकर दक्षिणी पश्चिमी घाट तक, गोवा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु राज्यों में प्राप्त होते हैं।

(Source: The Hindu)

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