अमेरिका ने अफगानिस्तान से ‘प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (MNNA)’ दर्जा वापस लिया
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (major non-NATO: MNNA) के रूप में अफगानिस्तान के दर्जा को समाप्त कर दिया है। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के एक साल यह कदम उठाया गया है।
बता दें कि वर्ष 2012 में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने अफगानिस्तान को एक प्रमुख गैर-नाटो (MNNA) सहयोगी का दर्जा दिया था। इससे दोनों देशों के लिए रक्षा और आर्थिक संबंध बनाए रखने का रास्ता साफ कर दिया था।
MNNA दर्जा के तहत रक्षा और सुरक्षा से संबंधित सहायता और टूल्स के रूप में अफगानिस्तान को कई सुविधाएं और रियायतें प्राप्त हुईं। अफगानिस्तान की स्थिति में बदलाव पिछले साल बाइडेन के देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद हुआ है।
प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (major non-NATO: MNNA) का दर्जा
MNNA का दर्जा पहली बार 1987 में बनाया गया था। अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, अफगानिस्तान का दर्जा रद्द होने के साथ, अब अमेरिका के 18 प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (MNNA) होंगे। ये देश हैं; अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, ब्राजील, कोलंबिया, मिस्र, इज़राइल, जापान, जॉर्डन, कुवैत, मोरक्को, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, फिलीपींस, कतर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ट्यूनीशिया।
अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार के अनुसार, ताइवान को औपचारिक दर्जा के बिना MNNA के रूप में स्वीकार किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि हाल में भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने भारत को एक प्रमुख गैर-नाटो (MNNA) सहयोगी कर दर्जा देने के लिए अमेरिकी हाउस ऑफ़ रिप्रेजेन्टेटिव में एक प्रस्ताव पेश किया था।
एक प्रमुख गैर-नाटो (MNN) सहयोगी का दर्जा प्राप्त करने वाले देश सहकारी अनुसंधान, विकास, परीक्षण, या मूल्यांकन उद्देश्यों के लिए सामग्री, आपूर्ति, या उपकरण ऋण के रूप में प्राप्त करने के लिए पात्र होते हैं। वे अपने यहाँ यूएस-स्वामित्व वाले वॉर रिजर्व स्टॉकपाइल भी रखे जाने के लिए पात्र हो जाते हैं।