मन्नार की खाड़ी डुगोंग संरक्षण रिजर्व
भारत और श्रीलंका के बीच मन्नार की खाड़ी, में डुगोंग संरक्षण रिजर्व (dugong conservation reserve) स्थापित करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले का समुद्री जीवविज्ञानियों ने स्वागत किया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन ने डुगोंग संरक्षण रिजर्व की स्थापना के लिए एक अवधारणा नोट प्रस्तुत किया है।
- तमिलनाडु सरकार ने 3 सितंबर, 2021 को घोषणा की थी कि डुगोंग के संरक्षण के लिए भारत और श्रीलंका के बीच मन्नार की खाड़ी, पाक खाड़ी में एक संरक्षण रिजर्व स्थापित किया जाएगा।
- डुगोंग विलुप्त होने के कगार पर हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में इनकी आबादी 100 से भी कम है। मन्नार की खाड़ी में बहुत कम बचे हैं। कच्छ की खाड़ी में बहुत कम छिटपुट रिकॉर्ड हैं। वे लक्षद्वीप में मौजूद थे लेकिन अब स्थानीय रूप से विलुप्त हो चुके हैं।
संरक्षित क्षेत्र और संरक्षण रिज़र्व
- किसी क्षेत्र को ‘संरक्षित’ (प्रोटेक्टेड एरिया) घोषित करने का मतलब है कि वहां किसी मानवीय गतिविधि नहीं होगी। लेकिन समुद्री पारितंत्र के मामले में स्थिति अलग हैं, क्योंकि यह एक साझा संसाधन है और तटीय समुदाय अपनी आजीविका के लिए इस पर अत्यधिक निर्भर हैं।
- समुद्री क्षेत्र को संरक्षित (प्रोटेक्टेड एरिया) नामित करने का शाब्दिक अर्थ है ऐसे लोगों को संसाधनों से वंचित करना।
- यही कारण है कि सामुदायिक (community reserve) और संरक्षण रिज़र्व (conservation reserve) की अवधारणा विकसित की गयी हैं। यह एक संरक्षण रिजर्व होगा और इसे सह-प्रबंधित किया जाएगा।
क्या है डुगोंग?
- उल्लेखनीय है कि डुगोंग विश्व का एकमात्र शाकाहारी समुद्री स्तनधारी है और यह विलुप्ति के कगार पर है। इसे समुद्री गाय (सी काउ) भी कहा जाता है।
- ये स्तनधारी हैं, जिसका मतलब है ये बच्चों को जन्म दे सकती हैं और दूध भी दे सकती हैं और बच्चों का पालन कर सकती हैं।
- इनका मुख्य आहार समुद्री घास है और एक दिन में ये 40 किलोग्राम समुद्री घास खा जाती हैं। समुद्री कछुआ, समुद्री घोड़े, सी ककम्बर की तरह डुगोंग भी भारत के वन्यजीव सुरक्षा एक्ट 1972 की अनुसूची-1 में शामिल हैं अर्थात भारत में इन्हें सर्वोच्च सुरक्षा प्राप्त है।
- भारत ने वर्ष 2008 में डुगोंग की सुरक्षा के लिए वन्यजीवों के प्रवासी प्रजातियों पर कंवेंशन (सीएमएस) पर एक गैर-बाध्यकारी समझौता पर हस्ताक्षर किया था।
- अपने निकट सम्बन्धी मैनेटेस के विपरीत, डुगोंग कभी भी मीठे पानी में प्रवेश नहीं करता है और इसलिए यह एकमात्र विशेष रूप से समुद्री स्तनपायी है जो शाकाहारी है।