ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय स्टडी में पीएम मोदी की “प्रगति (PRAGATI)” प्लेटफार्म की सराहना की गई
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सैद बिजनेस स्कूल (SBS) के एक हालिया अध्ययन ने देश भर में $205 बिलियन की 340 परियोजनाओं में तेजी लाने और आर्थिक परिवर्तन लाने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की प्रगति (PRAGATI) प्लेटफार्म अवसंरचना निगरानी प्रणाली की सराहना की है।
“ग्रिडलॉक से विकास तक: कैसे नेतृत्व भारत की प्रगति इकोसिस्टम को प्रगति को शक्ति प्रदान करता है” (From Gridlock to Growth: How Leadership Enables India’s PRAGATI Ecosystem to Power Progress) शीर्षक वाला अध्ययन भारतीय प्रबंधन संस्थान-बैंगलोर द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में प्रस्तुत किया गया था।
जून 2023 तक, प्रगति के तहत ₹17.05 लाख करोड़ ($205 बिलियन) की 340 से अधिक परियोजनाओं की समीक्षा की गई थी। रेल, सड़क, बिजली और विमानन क्षेत्रों की परियोजनाओं में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है, जिसमें रियल टाइम डेटा, ड्रोन फीड और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया गया है।
इस अध्ययन में मोदी के व्यावहारिक नेतृत्व को तात्कालिकता और जवाबदेही को बढ़ावा देने का श्रेय दिया गया है।
अध्ययन के मुताबिक असम में 5,920 करोड़ रुपये बोगीबील रेल और सड़क पुल परियोजना को मूल रूप से 1998 में मंजूरी दी गई थी और विगत दो दशकों से अधिक समय से यह विलंबित थी।
2015 में प्रगति समीक्षा के बाद अड़चनें दूर हो गईं, जिसके परिणामस्वरूप दिसंबर 2018 में इसका उद्घाटन हुआ।
इसी तरह जम्मू और कश्मीर में जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक प्रोजेक्ट को 1995 में मंजूरी दी गई थी लेकिन यह अटकी पड़ी थी। इस परियोजना में 2015 में प्रगति के हस्तक्षेप के बाद एक बड़ा बदलाव देखा गया। 38 सुरंगों और 931 पुलों वाली यह परियोजना 2025 तक पूरा होने वाली है, जो कश्मीर घाटी को शेष भारत से जोड़ेगी।
“प्रगति (PRAGATI) ने इसके अलावा बेंगलुरु मेट्रो रेल परियोजना (कर्नाटक); हरिदासपुर-पारादीप रेल लाइन (ओडिशा); दहिसर-सूरत हाईवे, महाराष्ट्र (गुजरात); वाराणसी-औरंगाबाद हाईवे (यूपी-बिहार); नॉर्थ करनपुरा थर्मल पावर प्लांट (झारखंड) जैसी लंबित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में प्रगति प्लेटफार्म ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
“प्रगति (PRAGATI)
“प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन ऑफ प्रोजेक्ट्स” का संक्षिप्त नाम है। प्रधानमंत्री ने 25 मार्च 2015 को बहुउद्देश्यीय और बहु-मॉडल गवर्नेंस प्लेटफार्म प्रगति (PRAGATI) का शुभारंभ किया था।
प्रगति एक एकीकृत और संवादात्मक मंच है, जिसका उद्देश्य आम आदमी की शिकायतों का समाधान करना है।
प्रगति भारत सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और परियोजनाओं के साथ-साथ विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा चिह्नित परियोजनाओं की एक साथ निगरानी और समीक्षा करने में भी मदद करता है। इसकी संवादात्मक प्रक्रिया की अध्यक्षता प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है।