पावर्टी एंड शेयर्ड प्रॉस्पेरिटी 2022: करेक्टिंग कोर्स रिपोर्ट

विश्व बैंक की  नई रिपोर्ट “पावर्टी एंड शेयर्ड प्रॉस्पेरिटी 2022: करेक्टिंग कोर्स “ (Poverty and Shared Prosperity 2022: Correcting Course) शीर्षक से जारी की गयी है।  रिपोर्ट के मुताबिक कोविड महामारी ने दशकों से जारी  वैश्विक गरीबी उन्मूलन के प्रयासों को सबसे बड़ा झटका दिया है।

नई गरीबी रेखा

यह रिपोर्ट क्रय शक्ति तुल्यता (purchasing power parity (PPP) के अनुमान प्राप्त करने के लिए एकत्र किए गए अंतरराष्ट्रीय तुलना कार्यक्रम (International Comparison Program: (ICP) मूल्य डेटा के 2017 दौर के आधार पर नई गरीबी रेखा का उपयोग की  है।

इस रिपोर्ट में सभी गरीबी अनुमान 2017 PPP-आधारित गरीबी रेखा का उपयोग करती है। इस रिपोर्ट में चरम गरीबी रेखा (extreme-poverty line) को US$1.90 (2011 PPP) के बजाय  US$2.15 (2017 PPP) रखा गया है।

रिपोर्ट की मुख्य बातें

वर्ष 2030 तक विश्व से चरम गरीबी को समाप्त करने के लक्ष्य को पूरा करने की संभावना नहीं है।

वैश्विक गरीबी में कमी 2015 से धीमी रही है लेकिन कोविड महामारी और यूक्रेन में युद्ध के दुष्परिणामों ने इसे और बदतर बना दिया है। वर्ष 2015 तक, वैश्विक चरम-गरीबी दर में आधे से अधिक की कमी की गई थी। तब से, मंद वैश्विक आर्थिक विकास के साथ गरीबी में कमी धीमी हो गई है।

COVID-19 द्वारा लाए गए आर्थिक उथल-पुथल और बाद में यूक्रेन में युद्ध ने गरीबी में कमी की दर को और कम कर दिया है।

अकेले 2020 में, चरम गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में 70 मिलियन (7 करोड़) से अधिक की वृद्धि हुई; 1990 में वैश्विक गरीबी निगरानी शुरू होने के बाद से एक साल में यह सबसे बड़ी वृद्धि है।

परिणामस्वरूप, अनुमानित 719 मिलियन (71.9 करोड़) लोग 2020 के अंत तक $ 2.15 प्रति दिन से कम पर जीवन निर्वाह कर रहे थे।

असमानताएं भी बढ़ी हैं। सबसे गरीब लोगों ने महामारी की सबसे बड़ी लागत वहन की है: सबसे गरीब 40 प्रतिशत के लिए आय का नुकसान औसतन 4 प्रतिशत था, जो सबसे धनी 20 प्रतिशत के नुकसान का दोगुना है।

सुझाव

रिपोर्ट में विवेकपूर्ण राजकोषीय नीति अपनाने की सलाह दी गयी है।

रिपोर्ट में तीन आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता जताई गयी है;  

1. व्यापक सब्सिडी के बजाय लक्षित कैश ट्रांसफर करना सही है।

2. लंबी अवधि के विकास के लिए सार्वजनिक खर्च (सरकारी व्यय) को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।

3. गरीबों को नुकसान पहुंचाए बिना कर राजस्व बढ़ाने की जरुरत है।

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