पॉलिफेनॉल: GPX4 को सक्रिय करके अल्जाइमर के इलाज में उपयोगी

भारतीय वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है कि चेस्टनट और ओक जैसे पेड़ों की टहनियों में पाया जाने वाले टेनिक एसिड (tannic acid) जैसे प्राकृतिक रूप से प्रचुर मात्रा में उपलब्ध पादप- आधारित पॉलिफेनॉल (polyphenols: PPs) से फेरोप्टोसिस-एडी एक्सिस (ferroptosis-AD axis) को नियंत्रित किया जा सकता है।

इसके परिणामस्वरूप पॉलिफेनॉल अल्जाइमर रोग (Alzheimer’s disease) का मुकाबला करने के लिये एक सुरक्षित, किफायती रणनीति उपलब्ध हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप इस बीमारी के सामाजिक बोझ को कम करने में मदद मिल सकती है।

अधिकांश पॉलीफेनोल्स शरीर में एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करते हैं, जिसका अर्थ है कि वे अल्ट्रावायलेट क्षति और प्रदूषण जैसी स्थितियों का मुकाबला कर सकते हैं।

टैनिक एसिड प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पौधा पॉलीफेनोल है और व्यावहारिक रूप से सभी एरियल पौधों के ऊतकों में पाया जा सकता है।

अल्जाइमर रोग तेजी से दिमाग में विकृति लाने वाली बीमारी है जो चीजों को याद रखने और संज्ञान क्षमता को कमजोर करती है। दशकों के शोध के बाद भी इस बीमारी को पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है। यही वजह है कि इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने का इलाज उपलब्ध नहीं हो पाया है।

GPX4 पाथवे

फेरोप्टोसिस अल्जाइमर रोग को बढ़ाने वाले उल्लेखनीय योगदानकर्ता के तौर पर सामने आया है।अल्जाइमर के कई तरह के लक्षण जैसे कि असामान्य लौह-निर्माण, लिपिड पैरोक्सीडेशन, प्रतिक्रियाशील आक्सीजन वर्ग ( reactive oxygen species: ROS) और एंटीआक्सीडेंट एंजाइम ग्लूटाथियोन पेरोक्सिीडेस4 (glutathione peroxidase 4: GPX4) की कमजोर गतिविधि। ये सब फेरोप्टोसिस के लक्षणों से मेल खाती हैं।

फेरोप्टोसिस का मास्टर कंट्रोलर GPX4 पॉलिअनसेचुरेटिड फैट्टी एसिड (PUFAs) का ROS के साथ आयरन- उत्प्रेरित प्रतिक्रिया से लिपिड एल्कोहल, जहरीले लिपिड पेरोक्साइड को कम करता है जो कि फेरोप्टोसिस की रोकथाम के लिये पहली सुरक्षा दीवार के तौर पर काम करता है। इसे GPX4 पाथवे कहा जाता है।

जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च के वैज्ञानिकों द्वारा किये गये एक अध्ययन में यह सामने आया है कि प्राकृतिक पालिफोनॉल, टैनिक एसिड GPX4 को सक्रिय करने और बढ़ाने वाला, दोनों के तौर पर काम कर सकता है।

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