प्रधानमंत्री ने केवडिया में मिशन लाइफ (LiFE) का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 20 अक्टूबर को गुजरात के एकता नगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निकट संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की उपस्थिति में मिशन लाइफ/LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली/Lifestyle for Environment) का शुभारंभ किया।

  • प्रधानमंत्री और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने लाइफ के प्रतीक चिन्ह और टैगलाइन का अनावरण किया, तथा इस कार्यक्रम में मिशन दस्तावेज़ जारी किए।

मिशन लाइफ/LiFE के बारे में

  • LiFE की अवधारणा को प्रधानमंत्री द्वारा 1 नवंबर 2021 को ग्लासगो में COP26 में पेश किया गया था। 5 जून 2022 को विश्व पर्यावरण दिवस पर भारत ने शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और स्टार्ट-अप को आमंत्रित करते हुए, लाइफ ग्लोबल मूवमेंट शुरू करके LiFE की परिकल्पना को आगे बढ़ाया।
  • मिशन लाइफ, मिशन-मोड, वैज्ञानिक और मापने योग्य कार्यक्रम के माध्यम से LiFE के विचारों और आदर्शों को कार्यान्वित करेगा।
  • मिशन LiFE को 2022 से 2027 की अवधि में कम से कम एक अरब भारतीयों और अन्य वैश्विक नागरिकों को पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक कार्रवाई करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
  • वर्ष 2028 तक भारत के भीतर, सभी गांवों और शहरी स्थानीय निकायों का कम से कम 80 प्रतिशत निकायों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने का लक्ष्य है।
  • प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताते हुए कहा कि मिशन LiFE P-3 मॉडल, यानी प्रो प्लेनेट पीपल की भावना को बढ़ाता है। यह मॉडल ‘लाइफ स्टाइल ऑफ द प्लेनेट, फॉर द प्लेनेट एंड बाय द प्लेनेट’ के मूल सिद्धांतों पर काम करता है।
  • श्री मोदी ने ‘रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल’ और सर्कुलर इकोनॉमी की अवधारणा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि यह हजारों वर्षों से भारतीय जीवन शैली का हिस्सा रही है।

मिशन लाइफ के लाभ

  • मिशन लाइफ का मंत्र ‘पर्यावरण के लिए जीवन-शैली’ है।
  • मिशन लाइफ इस धरती की सुरक्षा के लिए जन-जन की शक्तियों को जोड़ता है उनका बेहतर इस्तेमाल करना सिखाता है।
  • मिशन लाइफ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को लोकतांत्रिक बनाता है जिसमें हर कोई अपने सामर्थ्य के हिसाब से योगदान दे सकता है।
  • मिशन लाइफ प्रेरित करता है कि हम सब अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसा बहुत कुछ कर सकते हैं जिसमें पर्यावरण की सुरक्षा हो।
  • मिशन लाइफ मानता है कि अपनी जीवनशैली में बदलाव करके पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है। प्रधानमंत्री ने बिजली बिल कम करने और पर्यावरण की रक्षा के लिए भारत में एलईडी बल्ब को अपनाने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “इससे बड़े पैमाने पर बचत व पर्यावरणीय लाभ हुए और यह एक निरंतर स्थायी लाभ है।”
error: Content is protected !!