प्रधानमंत्री ने लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर स्थल की प्रगति की समीक्षा की
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 18 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ड्रोन की मदद से गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (National Maritime Heritage Complex: NMHC) स्थल पर चल रहे कार्यों की समीक्षा की।
- हजारों वर्षों से मौजूद रही भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने चोल साम्राज्य, चेरा राजवंश और दक्षिण भारत के पांड्या राजवंश के बारे में बात की, जिन्होंने समुद्री संसाधनों की शक्ति को समझा और उसे अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
- प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज की भी बात की जिन्होंने एक मजबूत नौसेना बनाई और विदेशी आक्रमणकारियों को चुनौती दी।
- उन्होंने कहा, लोथल भारत की समुद्री क्षमता का एक संपन्न केंद्र था। हाल ही में वडनगर के पास खुदाई के दौरान सिकोतर माता के मंदिर का पता चला है। कुछ ऐसे प्रमाण भी मिले हैं जिनसे प्राचीन काल में यहां से समुद्री व्यापार की जानकारी मिलती है। इसी तरह सुरेंद्रनगर के झिंझुवाड़ा गांव में लाइटहाउस होने के प्रमाण मिले हैं।
राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC)
- मार्च 2022 में शुरू हुए NMHC परिसर कार्य को लगभग 3500 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।
- परियोजना को गुजरात सरकार के सहयोग से पत्तन, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) द्वारा विकसित किया जा रहा है।
- पत्तन, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय की सागरमाला योजना के तहत गुजरात के लोथल के ऐतिहासिक सिंधु घाटी सभ्यता क्षेत्र में 3500 करोड़ रुपये की परियोजना का निर्माण किया जा रहा है।
- भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करते हुए, NMHC को एक विश्व स्तरीय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव है, जो देश में अपनी तरह का पहला है, जिसमें समुद्री संग्रहालय, लाइट हाउस संग्रहालय, समुद्री थीम पार्क और मनोरंजन पार्क आदि शामिल हैं।
- इसमें दुनिया का सबसे ऊंचा लाइटहाउस संग्रहालय, हड़प्पा काल से लेकर आज तक भारत की समुद्री विरासत को उजागर करने वाली चौदह दीर्घाएं, साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने वाला तटीय राज्यों का एक पैवेलियन भी होगा।
लोथल
- लोथल हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख शहरों में से एक था और ये सबसे पुराने मानव निर्मित डॉकयार्ड की खोज के लिए जाना जाता है।
- लोथल भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात में स्थित 2400 ईसा पूर्व की पारंपरिक हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख शहरों में से एक था। पुरातात्विक उत्खनन ने लोथल में 5000 साल से अधिक पुराने मानव निर्मित गोदी की खोज की है।
- लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) को अपनी तरह की पहली परियोजना की तरह विकसित किया जा रहा है ताकि भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित किया जा सके और लोथल को विश्व स्तरीय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में उभरने में मदद की जा सके।
- इस परियोजना के माध्यम से पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने से इस क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।