पराक्रम दिवस 2025 के अवसर पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 23 जनवरी 2025 को पराक्रम दिवस के अवसर पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी का योगदान अद्वितीय था और वे साहस और दृढ़ संकल्प के प्रतीक थे।

दूसरी ओर ओडिशा के कटक में बाराबती किले में 23 जनवरी 2025 को पराक्रम दिवस 2025 का भव्य समारोह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के अवसर पर शुरू हुआ।

उनके जन्मस्थान पर आयोजित इस कार्यक्रम में नेताजी के साथ ओडिशा के संबंध और नेताजी की प्रारंभिक संवेदनाओं को विकसित करने में राज्य के प्रभाव को भी याद किया गया।

स्मरणोत्सव के पहले दिन ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और नेताजी जन्मस्थान संग्रहालय में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यह संग्रहालय उस घर में स्थित है जहां 1897 में नेताजी का जन्म हुआ था।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सम्मान में साल 2021 से हर साल पराक्रम दिवस मनाया जाता है। साल 2021 मेंउद्घाटन समारोह कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में हुआ।

साल 2022 में इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया। वहीं, 2023 मेंअंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखा गया।

वर्ष 2024 में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले में इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया था, जो इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) परीक्षणों का स्थल है।

लाल किले के परिसर में एक संग्रहालय बोस और आईएनए की विरासत को संरक्षित व सम्मान देने के लिए समर्पित है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री मोदी ने साल 2019 में नेताजी के जन्मदिन के अवसर पर किया था। कर्नल प्रेम सहगल, कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों और कर्नल शाहनवाज खान के नाम इतिहास में लाल किला ट्रायल में प्रमुख व्यक्तियों के रूप में दर्ज हैं।

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