प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक की अध्यक्षता की

प्रधानमंत्री ने 30 दिसंबर 2022 को राष्ट्रीय गंगा परिषद (National Ganga Council) की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया। यह बैठक कोलकाता में आयोजित हुई। प्रधानमंत्री ने छोटे शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के नेटवर्क के विस्तार सहित स्वच्छता के प्रयासों को बढ़ाने के तरीकों के बारे में भी बताया।

उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नमामि गंगे और पेयजल-स्वच्छता परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री ने गंगा के किनारे हर्बल खेती के विभिन्न रूपों को बढ़ाने के तरीकों पर जोर दिया। उन्होंने नदी के किनारे पर्यटन के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला, जो कई लोगों को आजीविका के अवसर प्रदान कर सकता है।

राष्ट्रीय गंगा परिषद

बता दें कि यह राष्ट्रीय गंगा परिषद की 2019 के बाद पहली बैठक थी

यह परिषद नदी की सफाई के लिए जिम्मेदार शीर्ष प्राधिकरण है और इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री सदस्य के रूप में शामिल हैं। परिषद में वित्त मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री और ऊर्जा मंत्री सहित कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं।

नमामि गंगे

नमामि गंगे कार्यक्रम एक एकीकृत संरक्षण मिशन है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा जून 2014 में राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रदूषण के प्रभावी उन्मूलन तथा संरक्षण व कायाकल्प के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ ‘फ्लैगशिप प्रोग्राम’ के रूप में मंजूरी दी गयी है।

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय जल और स्वच्छता संस्थान (SPM-NIWAS)

प्रधान मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोलकाता के जोका में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय जल और स्वच्छता संस्थान (SPM-NIWAS) का भी उद्घाटन किया।

जल और स्वच्छता पर इस शीर्ष संस्थान के माध्यम से, पेयजल और स्वच्छता विभाग (DDWS) का उद्देश्य लघु, मध्यम और दीर्घकालिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग, स्वच्छता के क्षेत्र में ज्ञान और क्षमता निर्माण की खाई को पाटना है।

ये न केवल इंजीनियरिंग से संबंधित हैं बल्कि प्रबंधन, स्वास्थ्य, लेखा, कानून और सार्वजनिक नीतियों के पहलुओं को भी कवर करते हैं।

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