अधीनम (Adheenams) क्या हैं?

PM in a group photograph with Adheenam in New Delhi on May 27, 2023.

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना से पहले 27 मई को तमिलनाडु से आये विभिन्न अधीनम (Adheenams) संतों से भेंट की

प्रधानमंत्री ने सैकड़ों वर्षों की गुलामी के बाद भी तमिल संस्कृति को जीवंत बनाए रखने में अधीनम जैसी महान परंपरा की भूमिका को रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 1947 में थिरुवदुथुरै अधीनम ने एक विशेष सेंगोल बनाय जिसे नए संसद भवन में स्थापित किया गया है।

बता दें कि नए संसद भवन के उद्घाटन में तमिलनाडु के विभिन्न अधीनम के लगभग 30 धर्माध्यक्षों ने भाग लिया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में तमिलनाडु की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु भारतीय राष्ट्रवाद का गढ़ रहा है। तमिल लोगों में हमेशा मां भारती की सेवा और कल्याण की भावना रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि, सेंगोल ने सदा व्यक्ति को ये याद दिलाया कि उसके ऊपर देश के कल्याण की जिम्मेदारी है और वह कर्तव्य पथ से कभी पीछे नहीं हटेगा।

अधीनम के बारे में

अधीनम तमिलनाडु में गैर-ब्राह्मण शैव मठवासी मठों (non-Brahmin Shaivite monastic mutts) को कहते हैं।

एक अधिनम का अर्थ एक मठ या उसका पुजारी हो सकता है, जिसे अधीनकार्थर भी कहा जाता है। तमिलनाडु में लगभग 20 मुख्य अधीनम हैं।

सत्ता के हस्तांतरण के लिए सेंगोल या राजदंड (Sengol or sceptre) तैयार करने का काम थिरुवदुथुरै अधीनम (Thiruvavaduthurai adheenam) को दिया गया था, जो स्वयं 400 साल पुराना है।

चोल वंश में सत्ता के हस्तांतरण के समय सेंगोल सौंपा जाता था।

सभी अधीनम के अपने इतिहास को लेकर अलग-अलग दावे हैं। मदुरै अधीनम के अनुसार वह 1,300 साल पुराना है।

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