चिंतन शिविर: प्रधानमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद का हर रूप, चाहे वह बंदूक वाला हो या कलम वाला, उन्हें जड़ से उखाड़ना होगा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 28 अक्टूबर, 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्यों के गृह मंत्रियों के ‘चिंतन शिविर’ को संबोधित किया। यह शिविर फरीदाबाद में आयोजित किया गया।
क्या कहा प्रधानमंत्री ने?
प्रधानमंत्री ने राज्यों की कानून एवं व्यवस्था प्रणाली और विकास को आपस में जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के समय NDRF और SDRF की बढ़ती पहचान के बारे में बताया कि आज एनडीआरएफ के लिए देशवासियों के मन में कितना सम्मान है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अपराध अब स्थानीयकृत नहीं है और अंतर्राज्यीय, अंतर्राष्ट्रीय अपराध के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए राज्य की एजेंसियों के बीच और केंद्र तथा राज्य की एजेंसियों के बीच आपसी सहयोग महत्वपूर्ण होता जा रहा है।
उन्होंने कहा, साइबर क्राइम हो या फिर ड्रोन टेक्नोलॉजी का हथियारों और ड्रग्स तस्करी में उपयोग, इनके लिए हमें नई टेक्नोलॉजी पर काम करते रहना होगा।
प्रधानमंत्री ने सभा से पूरे देश के राज्यों की पुलिस के लिए एक ही वर्दी पर विचार करने को कहा। यह न केवल अपनी व्यापकता के कारण गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट्स को सुनिश्चित करेगा, बल्कि कानून प्रवर्तन को एक साझी पहचान देगी, क्योंकि नागरिक देश में कहीं भी पुलिस कर्मियों को पहचान पाएंगे।
सोशल मीडिया की संभावनाओं की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे सूचना के स्रोत तक सीमित नहीं रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक छोटी सी फेक न्यूज में राष्ट्रीय चिंता का विषय बनने की क्षमता है। प्रधानमंत्री ने अतीत में नौकरी में आरक्षण के बारे में फर्जी खबरों के कारण भारत को हुए नुकसान पर अफसोस व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, “हमें फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने के लिए तकनीकी प्रगति पर जोर देना होगा।”
उन्होंने कहा, “नक्सलवाद का हर रूप, चाहे वह बंदूक वाला हो या कलम वाला, देश के युवाओं को गुमराह करने से रोकने के लिए उन्हें जड़ से उखाड़ना होगा।” प्रधानमंत्री ने चेतावनी दी कि ऐसी ताकतें आने वाली पीढ़ियों के दिमाग को विकृत करने के लिए अपने बौद्धिक क्षेत्र को बढ़ा रही हैं।