PM उज्जवला योजना ने साल 2019 में 1.5 लाख लोगों की बचाई जान

हाल में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के चलते LPG गैस के इस्तेमाल से साल 2019 में प्रदूषण से होने वाली मौतों में से 1.5 लाख लोगों की जान बचाई जा चुकी है और वायु प्रदूषण से मौतों में 13% की कमी आयी है।

  • यह अध्ययन वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (WRI) इंडिया के शोधकर्ताओं ने किया है। इतना ही नहीं उज्जवला योजना के चलते साल 2019 में 1.8 मिलियन टन पीएम 2.5 उत्सर्जन में कटौती करने में मदद मिली है।
  • महिलाओं के स्वास्थ्य और हर घर तक गैस कनेक्शन पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जवा योजना 2.0 (Ujjawala Yojana 2.0) को लॉन्च किया था।
  • शोधकर्ताओं ने उज्जवला योजना की वजह से होने वाली मौतों में आई कमी का आकलन करने के लिए ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (Global Burden of Disease) स्टडी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली को अपनाया, जिसमें यह दावा किया गया था कि ‘वायु प्रदूषण दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हत्यारा है, जिसके वजह से 2019 में लगभग 6.67 मिलियन मौतें हुई थी। ‘
  • शोध के अनुसार बायोमास जलाने की वजह से 2019 में इनडोर वायु प्रदूषण से मौतें बढ़कर 10.2 लाख हो गईं और अगर उज्ज्वला योजना नहीं होती तो मरने वालों की संख्या 11.7 लाख तक हो सकती थी।

PM उज्जवला योजना (PMUA)

  • महिलाओं के स्वास्थ्य और हर घर तक गैस कनेक्शन पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जवला योजना 2.0 (Ujjawa Yojana 2.0) को लॉन्च किया था।
  • उज्ज्वला 2.0 के तहत लाभार्थियों को जमा मुक्त एलपीजी कनेक्शन के साथ – साथ पहला रिफिल और हॉटप्लेट निःशुल्क प्रदान किया जायेगा। साथ ही, इसमें नामांकन की प्रक्रिया के लिए न्यूनतम कागजी कार्रवाई की जरूरत होगी। उज्ज्वला 2.0 में प्रवासियों को राशन कार्ड या निवास प्रमाण – पत्र जमा करने की जरूरत नहीं होगी।

कौन हैं उज्ज्वला 2.0 गैस कनेक्शन के लिए पात्र ?

  • आवेदक की आयु 18 वर्ष होनी चाहिए (केवल महिला)।
  • एक ही घर में किसी भी ओएमसी से कोई अन्य एलपीजी कनेक्शन नहीं होना चाहिए।
  • सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना (SECC) 2011 सूची के अनुसार पात्र
  • निम्नलिखित श्रेणियों में से किसी से संबंधित वयस्क महिला – अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी), अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के परिवारों से संबंधित हों; प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) और अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के लाभार्थी; वनवासी, अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी), चाय और पूर्व-चाय बागान जनजाति; नदी द्वीपों में रहने वाले लोग।
  • 14 सूत्री घोषणा के अनुसार किसी भी गरीब परिवार के तहत सूचीबद्ध हैं।

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