प्लास्टिसाइज़र को विघटित करने वाले बैक्टीरिया
आईआईटी रुड़की के बायोसाइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रवींद्र कुमार के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने डाइएथिल हेक्सिल फथलेट (diethyl hexyl phthalate (DEHP) प्लास्टिसाइज़र (plasticizer) को तोड़ने के लिए मिट्टी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया सल्फोबैसिलस एसिडोफिलस द्वारा उत्पादित एस्टरेज़ एंजाइम ( esterase enzyme ) का सफलतापूर्वक उपयोग किया है।
आईआईटी रुड़की की टीम ने इसकी वास्तविक क्षमता की पहचान की है और इसका उपयोग उच्च आणविक भार वाले फथलेट प्लास्टिसाइज़र (phthalate plasticizers) को विघटित करने के लिए किया है।
समूह ने यह भी पता लगाया है कि एस्टरेज एंजाइम प्लास्टिक में इस्तेमाल होने वाले पॉलीप्रोपाइलीन के समान अणुओं से बंध सकता है, जिससे यह दूषित जल स्रोतों से पॉलीप्रोपाइलीन निकालने के लिए एक संभावित उपकरण बन जाता है।
एस्टरेज एंजाइम लगभग एक महीने तक सक्रिय रहता है और महत्वपूर्ण दक्षता के साथ DEHP प्लास्टिसाइज़र के विघटन को उत्प्रेरित करता है।
प्लास्टिसाइज़र ऐसे रसायन होते हैं जिन्हें प्लास्टिक और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में लचीलापन और चमक बढ़ाने के लिए मिलाया जाता है, और ये आमतौर पर बच्चों के खिलौने, शैंपू, साबुन और खाद्य कंटेनर जैसी वस्तुओं में पाए जाते हैं।
प्लास्टिसाइज़र त्वचा के माध्यम से अवशोषित हो सकते हैं, जिससे वे मानव स्वास्थ्य के लिए सीधा खतरा बन जाते हैं।