फार्माकोपियाल डिस्कशन ग्रुप (PDG) में इंडियन फार्माकोपिया कमीशन (IPC) शामिल हुआ
फार्माकोपियाल डिस्कशन ग्रुप (PDG) ने 5 अक्टूबर, 2023 को PDG सदस्य के रूप में इंडियन फार्माकोपिया कमीशन (IPC) को शामिल करने की घोषणा की।
IPC आधिकारिक तौर पर फार्माकोपियाल डिस्कशन ग्रुप (PDG) की वार्षिक बैठक में (PDG) में एक सदस्य के रूप में शामिल हुआ। यह बैठक 3-4 अक्टूबर, 2023 को हैदराबाद में आयोजित हुई थी।
फार्माकोपियल जनरल चैप्टर
एक फार्माकोपियल जनरल चैप्टर या अन्य फार्माकोपियल डॉक्यूमेंट तब सामंजस्य वाला माना होता है जब डॉक्यूमेंट की सामंजस्यपूर्ण प्रक्रिया द्वारा परीक्षण किया गया कोई फार्मास्युटिकल पदार्थ या उत्पाद समान परिणाम देता है और समान स्वीकार/अस्वीकार निर्णय पर पहुंच जाता है।
फार्माकोपियल डिस्कशन ग्रुप (PDG)
फार्माकोपियल डिस्कशन ग्रुप (PDG) का गठन 1989 में किया गया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) PDG के पर्यवेक्षक के रूप में शामिल है।
PDG, अब वैश्विक फार्माकोपियाल मानकों में सामंजस्य स्थापित करने के लिए यूरोपीय फार्माकोपिया (Ph. Eur.), जापानी फार्माकोपिया (JP), यूनाइटेड स्टेट्स फार्माकोपिया (यूएसपी) और भारतीय फार्माकोपिया (IP) को एक साथ लाएगा।
इसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग फार्माकोपियल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, विभिन्न स्वीकृति मानदंडों का उपयोग करके, विभिन्न तरीकों से विश्लेषणात्मक प्रक्रियाओं को संपन्न करने के दवा उत्पादकों के बोझ को कम करना है।
PDG में इंडियन फार्माकोपिया के शामिल होने से फायदा
PDG में इंडियन फार्माकोपिया को शामिल करने से अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय फार्माकोपिया की उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
इंडियन फार्माकोपिया को पीडीजी में शामिल करने से अन्य देशों द्वारा इसे मान्यता दिलाने के प्रयास में मदद मिलेगी।
यह इंडियन फार्माकोपिया को अन्य प्रमुख नियामक/मानक सेटिंग ऑथोरिटीज के साथ फार्माकोपियल मानकों को सहयोग और सुसंगत बनाने में मदद करेगा जो बदले में वैश्विक स्तर पर फार्मास्यूटिकल्स की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगा।