महाराष्ट्र के पेंच टाइगर रिजर्व को भारत के पहले डार्क स्काई पार्क के रूप में चिह्नित किया गया
महाराष्ट्र के पेंच टाइगर रिजर्व (PTR) को भारत के पहले डार्क स्काई पार्क (Dark Sky Park) और एशिया में पांचवें ऐसे पार्क के रूप में चिह्नित किया गया है।
पेंच टाइगर रिजर्व को पार्क के पास नाईट स्काई को स्वच्छ रखने और प्रकाश प्रदूषण को रोकने के लिए डार्क स्काई पार्क का दर्जा दिया गया है, जिससे यह सुविधा एस्ट्रोनॉमी में शोध करने वाले लोगों के लिए मॉडल जगह बन गई है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) एक प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संसाधन के रूप में नाईट स्काई के आंतरिक महत्व की मान्यता पर जोर देता है।
गौरतलब है कि इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के नेतृत्व में द डार्क एंड क्वाइट स्काईज़ फॉर साइंस एंड सोसाइटी वर्किंग ग्रुप ने राष्ट्रीय और स्थानीय सरकारों द्वारा ‘डार्क स्काई ओसेस’ की स्थापना की सिफारिश की है।
पेंच टाइगर रिजर्व
पेंच टाइगर रिज़र्व भारत के प्रमुख टाइगर रिज़र्व में से एक है और पहला टाइगर रिजर्व है जो दो राज्यों – मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में फैला हुआ है।
रुडयार्ड किपलिंग की काल्पनिक रचनाएँ, द जंगल बुक और द सेकेंड जंगल बुक, इस क्षेत्र से संबंधित हैं।
डार्क-स्काई प्रिजर्व
डार्क-स्काई प्रिजर्व (dark-sky preserve) एक ऐसा क्षेत्र है, जो आमतौर पर एक पार्क या वेधशाला के आसपास होता है, जो आर्टिफिशियल प्रकाश प्रदूषण को प्रतिबंधित करता है।
हानले में स्थित और भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान द्वारा संचालित भारतीय खगोलीय वेधशाला (आईएओ) स्टेशन, भारत का पहला डार्क-स्काई प्रिजर्व क्षेत्र (India’s first dark-sky preserve) है।