संसद ने खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023 पारित किया
राज्यसभा ने 2 अगस्त 2023 को खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन करने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023 (Mines and Minerals (Development & Regulation) Amendment Bill, 2023) पारित कर दिया है।
यह विधेयक 28 जुलाई 2023 को लोकसभा द्वारा पहले ही पारित किया जा चुका था और राज्यसभा में विधेयक के पारित होने के साथ, विधेयक को सहमति के लिए अब राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के पास भेजा गया है।
संशोधन विधेयक के तीन प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं:
1. अधिनियम की पहली अनुसूची के भाग-B में उल्लेख की गयी 12 एटॉमिक मिनरल्स की सूची से 6 खनिजों को हटा दिया गया है। ये हैं; लिथियम युक्त खनिज, टाइटेनियम युक्त खनिज और अयस्क, बेरिल और अन्य बेरिलियम युक्त खनिज, नाइओबियम और टैंटलम युक्त खनिज और ज़िरकोनियम-युक्त खनिज।
इनका उपयोग अंतरिक्ष उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रौद्योगिकी और संचार, ऊर्जा क्षेत्र, इलेक्ट्रिक बैटरी में किया जाता है और नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने में भारत की प्रतिबद्धता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इन खनिजों को परमाणु खनिजों की सूची से हटाने पर, इन खनिजों की खोज और खनन निजी क्षेत्र के लिए खुला हो जाएगा। परिणामस्वरूप, देश में इन खनिजों की खोज और खनन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की आशा है।
2. अधिनियम की पहली अनुसूची के भाग D में उल्लेखित क्रिटिकल मिनरल्स के लिए खनिज रियायतों की नीलामी करने का अधिकार केवल केंद्र सरकार को दिया गया है। हालांकि इन नीलामियों से मिलने वाला राजस्व संबंधित राज्य सरकार को प्राप्त होगा।
केंद्र सरकार को कुछ महत्वपूर्ण खनिजों के लिए विशेष रूप से खनन पट्टे और मिश्रित लाइसेंस की नीलामी करने का अधिकार दिया गया है। मोलिब्डेनम, रेनियम, टंगस्टन, कैडमियम, इंडियम, गैलियम, ग्रेफाइट, वैनेडियम, टेल्यूरियम, सेलेनियम, निकल, कोबाल्ट, टिन, प्लैटिनम समूह के तत्व, “रेयर अर्थ” समूह के खनिज (यूरेनियम और थोरियम शामिल नहीं); उर्वरक खनिज जैसे पोटाश, ग्लौकोनाइट और फॉस्फेट (यूरेनियम के बिना) और खनिजों को परमाणु खनिजों की सूची से हटाया जा रहा है।
भले ही इन खनिजों के लिए नीलामी केंद्र सरकार द्वारा आयोजित की जाएगी, लेकिन सफल बोलीदाताओं को इन खनिजों के लिए खनन पट्टा या मिश्रित लाइसेंस केवल राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा और नीलामी प्रीमियम और अन्य वैधानिक भुगतान राज्य सरकार को प्राप्त होते रहेंगे।
3. महत्वपूर्ण और गहराई में प्राप्त होने वाले खनिजों (deep-seated and critical minerals) के लिए अन्वेषण लाइसेंस की शुरूआत की गयी हैं। विधेयक से अधिनियम में एक नई खनिज रियायत, अर्थात् अन्वेषण लाइसेंस (Exploration Licence) देने के प्रावधान किए गए हैं।
नीलामी के माध्यम से दिया गया अन्वेषण लाइसेंस, लाइसेंस धारक को अधिनियम की नई प्रस्तावित सातवीं अनुसूची में उल्लिखित महत्वपूर्ण और गहराई में प्राप्त होने वाले खनिजों के लिए अन्वेषण और संभावनाओं का पता लगाने की अनुमति देगा।
ये खनिज हैं तांबा, सोना, चांदी, हीरा, लिथियम, कोबाल्ट, मोलिब्डेनम, सीसा, जस्ता, कैडमियम, दुर्लभ पृथ्वी समूह के तत्व, ग्रेफाइट, वैनेडियम, निकल, टिन, टेल्यूरियम, सेलेनियम, इंडियम, रॉक फॉस्फेट, एपेटाइट, पोटाश , रेनियम, टंगस्टन, प्लैटिनम समूह के तत्वों और अन्य खनिजों को परमाणु खनिजों की सूची से हटाने का प्रस्ताव है।