वन डे वन जीनोम पहल
जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) और जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान और नवाचार परिषद (BRIC) ने भारत की विशाल सूक्ष्मजीव (Microorganisms ) क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए ‘वन डे वन जीनोम’ (One Day One Genome) पहल की शुरुआत की है।
भारत के जी-20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ श्री अमिताभ कांत ने 9 नवंबर 2024 को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी (एनआईआई), नई दिल्ली में आयोजित ब्रिक संगठन के पहले स्थापना दिवस पर ‘वन डे वन जीनोम पहल’ के शुभारंभ की घोषणा की।
‘वन डे वन जीनोम’ पहल हमारे देश में पाई जाने वाली अनूठी जीवाणु प्रजातियों को उजागर करेगी और पर्यावरण, कृषि और मानव स्वास्थ्य में उनकी महत्वपूर्ण भूमिकाओं पर जोर देगी।
सूक्ष्मजीव हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे सभी जैव-रासायनिक चक्रों, मिट्टी के निर्माण, खनिज शुद्धिकरण, जैविक अपशिष्ट के क्षरण और मीथेन उत्पादन के साथ-साथ विषाक्त प्रदूषकों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कुल मिलाकर वे हमारे ग्रह में होमोस्टैसिस को बनाए रखने में मदद करते हैं। कृषि में, वे पोषक चक्र, नाइट्रोजन निर्धारण, मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने, कीट और खरपतवार को नियंत्रित करने और तनाव प्रतिक्रियाओं में मदद करते हैं।
मानव शरीर में मानव कोशिकाओं की संख्या की तुलना में सूक्ष्मजीवी कोशिकाएँ बहुत अधिक होती हैं। वे हमारे पाचन, प्रतिरक्षा और यहाँ तक कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक हैं।
सभी संक्रामक रोग मुख्य रूप से रोगजनक सूक्ष्मजीवों के कारण होते हैं, दूसरी ओर गैर-रोगजनक सूक्ष्मजीव संक्रामक रोगों के खिलाफ हमारी रक्षा के लिए अपरिहार्य हैं।