वित्त आयोग सम्मेलन – विकास के लिए हस्तांतरण 2024

केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय (MoPR) ने 14 नवंबर, 2024 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में एक दिवसीय वित्त आयोग सम्मेलन – विकास के लिए हस्तांतरण (Devolution to Development) का आयोजन किया।

16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में आयोजित इस सम्मेलन में ग्रामीण स्थानीय निकायों (RLB) को फंड के प्रभावी आवंटन में राज्य वित्त आयोगों (SFC) की भूमिका पर चर्चा करने के लिए प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया गया।

अरविंद पनगढ़िया ने राजकोषीय विकेंद्रीकरण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जिसमें सतत ग्रामीण विकास के लिए स्थानीय निकायों द्वारा स्वयं के राजस्व स्रोत बढ़ाने की अनिवार्यता पर जोर दिया गया।  

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243आई (243 I) में प्रावधान है कि किसी राज्य का राज्यपाल 73 वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के लागू होने के एक वर्ष के भीतर और उसके बाद प्रत्येक पाँचवें वर्ष की समाप्ति पर पंचायतों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक वित्त आयोग का गठन करेगा।

राज्य वित्त आयोग निम्नलिखत पर अनुशंसा करेगा:

(1) राज्य द्वारा लगाए जाने वाले करों, शुल्कों, टोलों और फीसों की शुद्ध आय का राज्य और पंचायतों के बीच वितरण का सिद्धांत;

(2) पंचायतों को सौंपे जा सकने वाले करों, शुल्कों, टोलों और फीसों के निर्धारण का सिद्धांत;

(3) ऐसे सिद्धांत जो राज्य की संचित निधि से पंचायतों को सहायता अनुदान का सिद्धांत;

(4) पंचायतों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए आवश्यक उपाय;

(5) राज्यपाल द्वारा पंचायतों की वित्तीय स्थिति के हित में वित्त आयोग को भेजा गया कोई अन्य मामला।

संविधान के अनुच्छेद 243Y में प्रावधान है कि अनुच्छेद 243 I के अंतर्गत गठित वित्त आयोग नगरपालिकाओं के संबंध में भी उपर्युक्त प्रकार की सिफारिश करेगा।

राज्यपाल से यह अपेक्षित है कि वह राज्य वित्त आयोग द्वारा की गई प्रत्येक सिफारिश को उस पर की गई कार्रवाई के बारे में स्पष्टीकरण ज्ञापन सहित राज्य विधानमंडल के समक्ष प्रस्तुत करे।

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