ओडिशा ने वनकर्मियों को शिकारियों से लड़ने के लिए फायरआर्म उपयोग करने की छूट दी

ओडिशा सरकार ने शिकारियों से निपटने के क्रम में आत्मरक्षार्थ आग्नेयास्त्रों के उपयोग के लिए वन कर्मियों को छूट प्रदान की है। इस संबंध में ओडिशा वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 5 जुलाई, 2023 को एक अधिसूचना जारी की गई थी।

यह अधिसूचना जून 2023 में सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व  में शिकारियों द्वारा दो वन कर्मचारियों की हत्या किए जाने के संदेह के बाद जारी की गयी है।

असम, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों की सरकारों ने भी ऐसे उपायों को लागू किया है।  

ओडिशा सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य सरकार ने दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 197 (2) के तहत वन अधिकारियों को सुरक्षा देने का फैसला किया है, जो आधिकारिक ड्यूटी के दौरान आग्नेयास्त्रों के उपयोग को अधिकृत करता है।

जब भी वन कर्मी गोलीबारी करेंगे, तब ऐसी प्रत्येक घटना की जांच इलाके के एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट द्वारा की जाएगी। पुलिस द्वारा इस मामले में  कोई भी कार्यवाही तभी शुरू की जाएगी, यदि वन अधिकारियों को लगता है कि आग्नेयास्त्रों का दुरुपयोग किया गया है।

इस कदम से अब वन कर्मचारियों को गिरफ्तारी और आपराधिक कार्यवाही से सुरक्षा मिलेगी, जब तक कि मजिस्ट्रेट जांच में आग्नेयास्त्रों के  दुरुपयोग का मामला नहीं पाया जाता।

गौरतलब है कि पहले वन कर्मियों द्वारा शिकारियों से निपटने के लिए की गयी फायरिंग की स्थिति में पुलिस इनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करती थी, चाहे वह फायरिंग दुर्घटनावाश हो, अवांछित हो या आत्मरक्षा में हो।

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