भारत में हैंड ट्रांसप्लांटेशन रोगियों का पंजीकरण शुरू
भारत ने हैंड ट्रांसप्लांटेशन (हाथों का प्रत्यारोपण) की आवश्यकता वाले व्यक्तियों के लिए पहली बार एक रजिस्ट्री स्थापित की है, जो पारदर्शी तरीके से और प्राथमिकता के आधार पर अंगदान के आवंटन की सुविधा प्रदान करेगी।
हैंड ट्रांसप्लांटेशन के लिए पंजीकरण राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय रजिस्ट्री में स्वीकार किया जाएगा। NOTTO केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का संगठन है।
सभी हैंड ट्रांसप्लांटेशन केंद्रों/अस्पतालों को ऐसे रोगियों/प्राप्तकर्ताओं को प्रत्यारोपण के लिए हैंड्स की आवश्यकता होने पर “डेमोग्राफी मैनेजमेंट सब्जेक्ट” में टिश्यू डिवीज़न की ‘हड्डी’ श्रेणी के तहत पंजीकृत करना होगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, आमतौर पर ब्रेन डेथ के बाद अंगों का दान किया जाता है, लेकिन ब्रेन डेथ और कार्डियक डेथ दोनों के बाद हैंड दान किए जा सकते हैं।
कार्डियक डेथ के मामले में, हृदय गति के रुकने के आधे घंटे के भीतर हैंड दान करना चाहिए और यह अस्पताल के भीतर नियंत्रित वातावरण में होना चाहिए।
बता दें कि हैंड ‘मिश्रित ऊतक’ यानी कम्पोजिट टिश्यू की श्रेणी में आते हैं।
कम्पोजिट टिश्यू एलो-ट्रांसप्लांटेशन (CTA) जटिल ऊतकों के प्रत्यारोपण को कहा जाता है, जिसमें अक्सर त्वचा, मांसपेशी, तंत्रिका, कण्डरा, हड्डी और रक्त ट्रांसप्लांट शामिल होते हैं। भारत में हैंड ट्रांसप्लांटेशन 2015 में शुरू हुआ था।