E. moshkovskii: मनुष्यों में अमीबियासिस का कारण

कोलकाता में मार्च 2017 से फरवरी 2020 तक तीन साल के निगरानी अध्ययन में एक अमीबा रोगज़नक़ (amoeba pathogen) पाया गया है जो पहले मनुष्यों में किसी भी अमीबियासिस /amoebiasis (दस्त का एक रूप) का कारण नहीं बनता था, अब रोगजनक बन गया है।

आश्चर्यजनक रूप से, कोलकाता स्थित राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान (ICMRNICED) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पाया कि न केवल अमीबा रोगज़नक़ – एंटअमीबा मोशकोव्स्की (Entamoeba mosh- kovskii) रोगजनक बन गया, बल्कि यह मनुष्यों में अमीबा संक्रमण का प्रमुख कारण था।

आधे से अधिक अमीबिक संक्रमण इसी के कारण पाए गए।

शोधकर्ताओं ने कोलकाता में डायरिया के मरीजों के मल के नमूनों का अध्ययन किया।

विशेष चिंता का विषय यह है कि ई. हिस्टोलिटिका (E. histolytica) के कारण होने वाले संक्रमण, जो पहले प्रमुख अमीबा रोगज़नक़ हुआ करता था और जो अमीबियासिस का कारण बनता था, कम हो रहे थे और नए रोगजनक ई. मोशकोवस्की (E. moshkovskii) उसकी जगह ले रहा है।

अध्ययन के नतीजे हाल ही में PLOS पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।  

बता दें कि डायरिया बैक्टीरिया, वायरस और अमीबा रोगजनकों के कारण हो सकता है।

अध्ययन में, NICED  के डॉ. संदीपन गांगुली के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम ने लगभग 5% रोगियों को दस्त से पीड़ित पाया जो विभिन्न एंटामोइबा प्रजातियों के कारण हुआ था और 3% से अधिक रोगी ई. मोशकोवस्की से संक्रमित थे।

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