SATH-E (शिक्षा) पहल के क्रियान्वयन पर रिपोर्ट

पूरे भारत में सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों की लर्निंग के अनुभव को बढ़ाने के लिए, नीति आयोग ने उन स्कूलों को विलय करने की सिफारिश की है जिनमें कम छात्र हैं। साथ ही आयोग बड़े पैमाने पर रिक्तियों को भरने के लिए शिक्षकों के स्कूल आवंटन को अनुकूलित किया गया है।
ये सिफ़ारिशें SATH-E (Sustainable Action for Transforming Human Capital — Education) परियोजना के तहत की गई हैं।

यह रिपोर्ट सब-स्केल और अपर्याप्त संसाधन वाले स्कूलों, बड़े पैमाने पर शिक्षक रिक्तियों तथा शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण, स्कूलों के योग्यता-आधारित मूल्यांकन सुधारों के माध्यम से लर्निंग आउटकम के प्रति जवाबदेही, अर्ली चाइल्डहुड की शिक्षा (ECE), प्रासंगिक मातृभाषा- जैसे मुद्दों पर प्रकाश डालती है।

साथ ही रिपोर्ट में सरकारी स्कूलों के सामने आने वाली कुछ चुनौतियों से निपटने के लिए बहुभाषी शिक्षा, और शिक्षा विभागों में शासन संरचनाओं को मजबूत करना का सुझाव दिया गया है।

राज्यों को स्वास्थ्य और स्थानीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करने के लिए 2017 में नीति आयोग ने “साथ/SATH(Sustainable Action for Transforming Human capital) पहल शुरू की थी।

दोनों क्षेत्रकों (स्वास्थ्य और शिक्षा) में तीन रोल मॉडल्स राज्यों का चयन किया जाना है।

SATH-E (शिक्षा पहल) के क्रियान्वयन के लिए रोल मॉडल्स के रूप में झारखंड, ओडिशा और मध्य प्रदेश को चुना गया है।

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