निकारागुआ ने भारतीय फार्माकोपिया को मान्यता दिया

निकारागुआ भारतीय फार्माकोपिया (Indian Pharmacopoeia) को मान्यता देने वाला स्पेनिश भाषी दुनिया का पहला देश बन गया है।

भारत और निकारागुआ ने दवाओं के रेगुलेशन के क्षेत्र में सहयोग पर फार्माकोपिया पर एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।

बता दें कि देशों के पास या तो अपना स्वयं का फार्माकोपिया है या उस देश में निर्मित या ली जाने वाली दवाओं के स्टैंडर्ड तय करने के लिए किसी अन्य देश के फार्माकोपिया को मान्यता देते हैं।

भारतीय फार्माकोपिया आयोग (IPC) केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान है।

इसे देश में दवाओं के लिए मानक तय करने के लिए बनाया गया है।

इंडियन फार्माकोपिया दवाओं के मानकों की आधिकारिक बुक है जो दवा बनाने के लिए आवश्यक पदार्थों की मात्रा और तैयार फॉर्मूलेशन के लिए टेस्टिंग मेथड तय करती है।

भारतीय फार्माकोपिया को ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की दूसरी अनुसूची के तहत कानूनी दर्जा प्राप्त है।

भारत में आयातित, निर्मित और वितरित की जाने वाली सभी दवाओं को इंडियन फार्माकोपिया में कोडिफाईड मानकों के अनुरूप होना चाहिए।

इंडियन फार्माकोपिया को पांच देशों – अफगानिस्तान, घाना, नेपाल, मॉरीशस और सूरीनाम द्वारा स्टैंडर्ड बुक के रूप में मान्यता दी गई है।

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