NFSA लाभार्थियों की पहचान के लिए डायनामिक डेटा बेस
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लाभार्थियों की पहचान के लिए एक समान मानदंड विकसित करने के लिए, केंद्रीय खाद्य मंत्रालय राज्य सरकारों के परामर्श से नए दिशानिर्देश तैयार कर रहा है।
- यह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत एकरूपता, सही लक्ष्यीकरण और डायनामिक डेटा बेस विकसित करेगा। वर्तमान में, राज्य सरकारें NFSA के तहत लाभार्थियों की पहचान के लिए विभिन्न मानदंडों का पालन करती हैं, जिसके तहत 800 मिलियन से अधिक लोगों को अत्यधिक सब्सिडी वाले खाद्यान्न उपलब्ध कराए जाते हैं।
- NFSA की धारा 10 के अनुसार, संबंधित राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों के पास लाभार्थियों की पहचान और चयन की जिम्मेदारी है।
- राज्य सरकार वर्तमान में समावेशन मानदंडों (inclusions criteria) का पालन करते हैं, जो मोटे तौर पर आवासीय वल्नेरेबिलिटी, आयु, विकलांगता, लिंग, जाति, आय और व्यावसायिक वल्नेरेबिलिटी को कवर करते हैं।
- NFSA की धारा 38 में कहा गया है कि केंद्र सरकार समय-समय पर राज्यों को खाद्य सुरक्षा कानून के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करेगा।
- NFSA के तहत लाभार्थियों को चावल/गेहूं/मोटे अनाज के रूप में प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न 3/2/1 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती कीमतों पर प्राप्त होता है।
- इसके अलावा, मौजूदा अंत्योदय अन्न योजना परिवारों, जिन्हें सबसे गरीब कहा जाता है, को प्रति माह प्रति परिवार 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्राप्त होता रहेगा।
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