इंडेक्सेशन बेनिफिट क्या है?
केंद्रीय बजट 2024 में, वित्त मंत्री ने संपत्ति लेनदेन में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ यानी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) के संबंध में उल्लेखनीय एडजस्टमेंट किए हैं। विशेष रूप से, इंडेक्सेशन (indexation) बेनिफिट को समाप्त कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप LTCG गणना में पर्याप्त संशोधन हुए हैं।
इंडेक्सेशन (indexation) का उपयोग किसी निवेश या सम्पति की खरीद मूल्य को उस पर मुद्रास्फीति के प्रभाव को दर्शाने के लिए एडजस्टमेंट करने के लिए किया जाता है। सरल शब्दों में, इसमें उस अवधि के दौरान मुद्रास्फीति के आधार पर किसी परिसंपत्ति की खरीद की लागत को ऊपर की ओर संशोधित करना शामिल है, जिसके लिए इसे रखा गया था।
मुद्रास्फीति समय के साथ मुद्रा के मूल्य को कम करती है, और इसलिए, जब कोई परिसंपत्ति बेची जाती है या किसी निवेश को भुनाया जाता है, तो इंडेक्सेशन होल्डिंग अवधि में मुद्रास्फीति के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए खरीद की लागत को एडजस्टमेंट करके वर्तमान में खरीद की लागत मूल्य का अनुमान किया जाता है।
इस प्रकार निकले गए खरीद मूल्य को “खरीद की इंडेक्सड लागत” (indexed cost of acquisition) कहा जाता है। आयकर विभाग विशिष्ट परिसंपत्तियों की खरीद की मुद्रास्फीति-समायोजित लागत की गणना करने के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (cost inflation index: CII) का उपयोग करता है।
मुद्रास्फीति को समायोजित करने वास्तविक खरीद का मूल्य बढ़ जाता है, इस प्रकार उस सम्पति की बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ टैक्स कम हो जाता है।
बजट 2024-25 में सभी परिसंपत्तियों (2001 से पहले अर्जित संपत्ति को छोड़कर) के लिए इंडेक्सेशन (indexation) बेनिफिट को समाप्त कर दिया गया है। इस परिवर्तन से दीर्घकालिक पूंजीगत परिसंपत्तियों की बिक्री पर उच्च पूंजीगत लाभ कर लगने की संभावना है।
वित्त मंत्री सीतारमण की हाल ही में 12.5% की एक नई फ्लैट दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) कर दर की शुरूआत के बारे में घोषणा ने वित्तीय समुदाय के भीतर चिंता पैदा कर दी है। पहले यह दर अलग-अलग होती थी लेकिन अब एक समान 12.5% रखी गई गई है।