नेशनल हेल्थ अकाउंट: आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय घटकर 39.4% हुआ
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत के लिए 2020-21 और 2021-22 के राष्ट्रीय स्वास्थ्य खाते (National Health Account: NHA) के अनुमान जारी किए।
NHA के अनुमान ‘ए सिस्टम ऑफ हेल्थ अकाउंट्स (SHA), 2011’ के विश्व स्तर पर स्वीकृत फ्रेमवर्क पर आधारित हैं, जो अंतर-देशीय तुलना की सुविधा प्रदान करता है।
यह रिपोर्ट विभिन्न स्रोतों से भारत की स्वास्थ्य प्रणाली में फंड फ्लो का एक व्यवस्थित विवरण प्रदान करती है, पैसा कैसे खर्च किया जाता है, स्वास्थ्य सेवा कैसे प्रदान की जाती है, और उपयोग की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की प्रकृति।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
देश की कुल जीडीपी में सरकारी स्वास्थ्य व्यय की हिस्सेदारी (Government Health Expenditure: GHE) भी 1.13 प्रतिशत से बढ़कर 1.84 प्रतिशत हो गई है।
सामान्य सरकारी व्यय (General Government Expenditure: GGE) में हिस्सेदारी के संदर्भ में, यह 2014-15 में 3.94% से बढ़कर 2021-22 में 6.12% हो गया है।
2014-15 और 2021-22 के बीच देश के कुल स्वास्थ्य व्यय (THE) में GHE की हिस्सेदारी 29% से बढ़कर 48% हो गई है।
कुल स्वास्थ्य व्यय में आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय 2013-14 के 64.2 प्रतिशत से घटकर 2021-22 में 39.4 प्रतिशत हो गया है। आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय (Out-of-Pocket Expenditure: OOPE) में कमी बहुत ही सकारात्मक संकेत है।
आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि सरकार के स्वास्थ्य व्यय में पर्याप्त वृद्धि देखी गई है, जबकि आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय में कमी आई है जो एक अच्छा संकेत है। उन्होंने बताया कि कुल स्वास्थ्य व्यय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है जो स्वास्थ्य के प्रति सरकार के जोर को दर्शाता है।