भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (NHA) अनुमान, 2019-20
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद के. पॉल ने 2019-20 के लिए भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (National Health Accounts: NHA) अनुमान को जारी किया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (National Health Accounts: NHA) अनुमान
वर्ष 2019-20 के लिए जारी NHA का अनुमान वार्षिक रूप से जारी रिपोर्ट की श्रृंखला का सातवां संस्करण है।
इसकी रिपोर्ट राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र (NHSRC) ने तैयार की है, जिसे 2014 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नेशनल हेल्थ अकाउंट्स टेक्निकल सेक्रेटेरिएट (NHATS) का दर्जा दिया था।
NHA के ये अनुमान विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की विकसित स्वास्थ्य लेखा प्रणाली- 2011 के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानक के आधार पर एक लेखा ढांचे का उपयोग करके तैयार किए जाते हैं।
NHA के अनुमान
कुल स्वास्थ्य व्यय (THE) में आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च (OOPE) का हिस्सा 62.6 फीसदी से घटकर 47.1 फीसदी हो गया है।
इस अवधि के दौरान देश के समग्र सकल घरेलू उत्पाद में सरकारी स्वास्थ्य व्यय (Government Health Expenditure: GHE) की हिस्सेदारी 2014-15 में 1.13 फीसदी से बढ़कर 2019-20 में 1.35 फीसदी हो गई है।
अगर प्रति व्यक्ति के आधार पर बात की जाए तो GHE, 2014-15 से 2019-20 के बीच 1,108 रुपये से दोगुना होकर 2,014 रुपये हो गया है।
साल 2018-19 और 2019-20 के बीच स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जो 2017-18 और 2018-19 के विकास दर 5 फीसदी की तुलना में दोगुने से भी अधिक है।
साल 2014-15 और 2019-20 के बीच देश के कुल स्वास्थ्य व्यय (THE) में GHE की हिस्सेदारी 29 फीसदी से बढ़कर 41.4 फीसदी हो गई।
चालू सरकारी स्वास्थ्य व्यय (Current Government Health Expenditure : CGHE) में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा की हिस्सेदारी 2014-15 में 51.3 फीसदी से बढ़कर 2019-20 में 55.9 फीसदी हो गई है।
प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पर लगातार बढ़ता ध्यान देश में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने के सरकार के निर्णयों की पुष्टि करता है।
कुल स्वास्थ्य व्यय में स्वास्थ्य पर एसएसई की हिस्सेदारी 2014-15 में 5.7 फीसदी से बढ़कर 2019-20 में 9.3 फीसदी हो गई है। इसमें सरकार द्वारा वित्त पोषित स्वास्थ्य बीमा, सरकारी कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति और सामाजिक स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम शामिल हैं.