राष्ट्रीय किसान दिवस

राष्ट्रीय किसान दिवस (NATIONAL FARMERS DAY) 23 दिसंबर को मनाया जाता है जो किसानों के अमूल्य योगदान का उत्‍सव मनाता है। यह दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री श्री चौधरी चरण सिंह की जयंती है, जो ग्रामीण मुद्दों की गहरी समझ और किसानों के कल्याण के लिए अटूट वकालत के लिए प्रसिद्ध हैं।

किसानों की भूमिका: भारत का कृषि क्षेत्र, देश की लगभग आधी जनसंख्‍या को रोजगार देता है, देश की अर्थव्यवस्था की आधारशिला और राष्ट्र-निर्माण का प्रमुख चालक बना हुआ है। यह वित्त वर्ष 2023-24 में मौजूदा कीमतों पर सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में 17.7% का योगदान देता है। देश के 328.7 मिलियन हेक्टेयर में से लगभग 54.8% को कृषि भूमि और 155.4% की फसल तीव्रता (क्रॉप इंटेंसिटी) (2021-22 के लिए भूमि उपयोग सांख्यिकी के अनुसार) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, किसान इस आवश्यक क्षेत्र का आधार हैं। देश ने 2023-24 में332.2 मिलियन टन का रिकॉर्ड कुल अनाज उत्पादन हासिल किया, जो पिछले वर्ष के 329.7 मिलियन टन के उत्पादन को पार कर गया।

किसानों के लिए योजनाएं:

किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, भारत सरकार ने उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान का समर्थन करने और सतत कृषि विकास सुनिश्चित करने के लिए कई पहल शुरू की हैं।

पीएम-किसान योजना: 24 फरवरी 2019 को शुरू की गई पीएम-किसान योजना का उद्देश्य देश भर के भूमिधारक किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करना है। इस योजना के तहत, डीबीटी मोड के माध्यम से तीन बराबर, चौ-मासिक किस्तों में किसानों के बैंक खातों में सीधे 6,000 रुपये हस्तांतरित किए जाते हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: 2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का उद्देश्य किसानों को किफायती फसल बीमा प्रदान करना है, जो बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद के चरणों में प्राकृतिक प्रतिकूलताओं के जोखिम को कवर करता है, जिससे त्वरित और पर्याप्त मुआवज़ा सुनिश्चित होता है।

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY): 12 सितंबर 2019 को शुरू की गई पीएम-केएमवाई मासिक पेंशन की पेशकश करके कमजोर किसान परिवारों को सुरक्षा प्रदान करती है। 18 से 40 वर्ष की आयु के किसान इस योजना में मासिक योगदान करते हैं, जिसके बराबर राशि सरकार देती है। जीवन बीमा निगम (एलआईसी) पेंशन फंड का प्रबंधन करता है।

किसान क्रेडिट कार्ड: 1998 में शुरू की गई किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना किसानों को उनकी उत्पादन आवश्यकताओं के लिए कृषि इनपुट और नकदी तक आसान पहुंच प्रदान करती है।

कृषि अवसंरचना निधि: आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 2020 में शुरू की गई कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) योजना पूरे भारत में अवसंरचना परियोजनाओं को वित्तपोषित करके टिकाऊ कृषि का समर्थन करती है। यह 9% की अधिकतम ब्याज दर पर 2 करोड़ रुपए तक का ऋण प्रदान करती है, साथ ही 3% वार्षिक ब्याज अनुदान और सात वर्षों तक ऋण गारंटी शुल्क की प्रतिपूर्ति करती है, जिससे लाभार्थियों के लिए वहनीयता सुनिश्चित होती है।

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