नासा के डीप स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशंस (DSOC) ने अंतरिक्ष में लगभग 10 मिलियन मील दूर से “फर्स्ट लाइट” भेजा
नासा के डीप स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशंस (Deep Space Optical Communications: DSOC) ने 10 मिलियन मील की दूरी पर लेजर के माध्यम से सफलतापूर्वक डेटा प्रसारित कर “फर्स्ट लाइट” हासिल की है।
क्या है यह उपलब्धि?
DSOC एक्सपेरिमेंट ने लगभग 10 मिलियन मील (16 मिलियन किलोमीटर) दूर – पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी से लगभग 40 गुना अधिक दूर – से अमेरिका के सैन डिएगो काउंटी में कैलटेक के पालोमर वेधशाला में हेल टेलीस्कोप (Hale Telescope) तक परीक्षण डेटा के साथ एन्कोडेड एक नियर-इन्फ्रारेड लेजर प्रकाश भेजा है।
यह अंतरिक्ष में अभी तक सबसे दूर जगह से ऑप्टिकल संचार का प्रदर्शन है।
हाल ही में लॉन्च किए गए साइकी अंतरिक्ष यान (Psyche spacecraft) में लगाए गए DSOC को अपने दो साल के प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के दौरान पृथ्वी पर हाई-बैंडविड्थ टेस्ट डेटा भेजने के लिए कॉन्फ़िगर किया गया है। साइकी यान मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट की यात्रा करेगा।
टेस्ट डेटा भी अपलिंक और डाउनलिंक लेजर के माध्यम से एक साथ भेजा गया था। इस प्रक्रिया को “क्लोजिंग द लिंक” के रूप में जाना जाता है जो प्रयोग का प्राथमिक उद्देश्य है।
गौरतलब है कि ऑप्टिकल संचार को पृथ्वी की निचली कक्षा और चंद्रमा से बाहर प्रदर्शित किया गया है, लेकिन DSOC डीप स्पेस में पहला परीक्षण है।
“डीप स्पेस”
“डीप स्पेस” हमारे चंद्रमा से परे अंतरिक्ष का विशाल अज्ञात क्षेत्र है जो मंगल ग्रह और हमारे सौर मंडल तक फैला हुआ है।
DSOC एक्सपेरिमेंट के बारे में
नासा का DSOC एक्सपेरिमेंट पृथ्वी-चंद्रमा प्रणाली से परे ऑप्टिकल संचार का नासा का पहला प्रदर्शन है।
DSOC एक सिस्टम है जिसमें एक फ्लाइट लेजर ट्रांसीवर, एक ग्राउंड लेजर ट्रांसमीटर और एक ग्राउंड लेजर रिसीवर शामिल होता है।
इनमें से प्रत्येक तत्व में नई एडवांस्ड तकनीकों को शामिल किया गया है।