प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएनसेफेलाइटिस (PAM)

केरल में कुछ महीनों में दुर्लभ लेकिन घातक प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएनसेफेलाइटिस (primary amoebic meningoencephalitis: PAM) के तीन मामलों सहित चार मामले सामने आए हैं।

राज्य स्वास्थ्य विभाग की अधिसूचना के अनुसार, PAM नेगलेरिया फाउलेरी के संक्रमण से होता है।

 नेगलेरिया फाउलेरी एक अमीबा है जो झीलों, तालाबों और नदियों जैसे गर्म फ्रेश वाटर के वातावरण में रहता है। दुर्लभ परिस्थितियों में, यह खराब रखरखाव वाले स्विमिंग पूल में भी रह सकता है।

यह एककोशिकीय जीव है और इसे ‘दिमाग खाने वाला अमीबा’ कहा जाता है।

यह मस्तिष्क को संक्रमित कर सकता है और इसके ऊतकों को नष्ट कर सकता है। हालांकि इसके संक्रमण के मामले दुर्लभ हैं, लेकिन ये जानलेवा हैं और इनसे संक्रमित 97 प्रतिशत लोगों के लिए बचना मुश्किल है।

इसका संक्रमण आमतौर पर तब होता है जब लोग गर्मियों के दौरान झीलों, तालाबों या नदियों में तैरने जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वातावरण का तापमान अधिक है और पानी का स्तर कम है तो संक्रमण हो सकता है।

अमीबा नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और मस्तिष्क तक पहुँचता है, जहाँ यह मस्तिष्क के ऊतकों को नष्ट कर देता है और सूजन का कारण बनता है।

इसका संक्रमण संक्रामक नहीं है अर्थात यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है।

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