नाड़ी तरंगिनी-भारत का पहला आयुर्वेदिक चिकित्सा उपकरण
नाड़ी तरंगिनी नाड़ी (पल्स) की जांच करने वाला टूल (pulse diagnostic tool) है। इसका विकास देश में ही किया गया है। अब यह केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से मंजूरी प्राप्त करने वाला भारत का पहला आयुर्वेदिक चिकित्सा उपकरण (India’s first ayurvedic medical device) बन गया है।
CDSCO भारत में कास्मेटिक, फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों के लिए राष्ट्रीय विनियामक संस्था है।
यह डिवाइस पद्म भूषण से सम्मानित प्रो. जे.बी. जोशी के मस्तिष्क की उपज है, जो इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (पूर्व में UDCT) के चांसलर और मराठी विज्ञान परिषद के अध्यक्ष हैं।
इसे IIT बॉम्बे में छह साल के शोध के बाद डॉ. अनिरुद्ध जोशी ने विकसित किया है।
इस डिवाइस में 10 भारतीय भाषाओं में यह रिपोर्ट उपलब्ध कराने की सुविधा है।
पिछले साल नाड़ी तरंगिनी डिवाइस की सेंसिंग तकनीक और प्रक्रिया को अमेरिका का पेटेंट मिला था।
अमेरिका के पेटेंट के अलावा इस डिवाइस को यूरोप, इंडोनेशिया और भारत के लिए भी पेटेंट मिल चुका है।
फिलहाल देशभर में 1250 से ज्यादा आयुर्वेदिक क्लीनिकों में नाड़ी तरंगिनी का इस्तेमाल किया जा रहा है और अब तक 5 लाख से ज्यादा लोगों पर इस डिवाइस से परीक्षण किया जा चुका है।