MPLAD योजना के तहत फंड फ्लो के लिए “e-साक्षी मोबाइल एप्लिकेशन” लांच
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने MPLAD योजना के तहत संशोधित फंड फ्लो प्रक्रिया के लिए MPLADS ई-साक्षी मोबाइल एप्लिकेशन (MPLADS e-SAKSHI Mobile Application) लॉन्च किया।
MPLAD योजना का उद्देश्य संसद सदस्यों (सांसदों) को स्थानीय स्तर पर जरुरत विकास कार्यों के तहत टिकाऊ सामुदायिक संपत्तियों (durable community assets) के निर्माण पर जोर देने के साथ विकासात्मक प्रकृति के कार्यों की सिफारिश करने में सक्षम बनाना है।
दिशानिर्देशों के संशोधित सेट का उद्देश्य योजना के दायरे को व्यापक बनाना है ताकि सांसद समुदाय की बदलती जरूरतों के अनुसार विकास संबंधी कार्यों की सिफारिश करने में सक्षम हो सकें; MPLAD योजना के कामकाज, कार्यान्वयन और निगरानी में सुधार पर जोर दिया गया।
सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) के तहत संसद सदस्यों (सांसदों) के लिए ई-साक्षी मोबाइल एप्लिकेशन के लॉन्च से असंख्य लाभ सामने आएंगे, जिससे उनके निर्वाचन क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं के साथ जुड़ने और प्रबंधन करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। मोबाइल ऐप सुविधा और पहुंच प्रदान करेगा, जिससे सांसद परियोजनाओं का प्रस्ताव, ट्रैक और निगरानी कर सकेंगे।
यह रियल टाइम एक्सेस निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को बढ़ाती है, जिससे उभरती जरूरतों या मुद्दों पर तुरंत प्रतिक्रिया संभव हो पाती है। एप्लिकेशन सांसदों और संबंधित अधिकारियों के बीच संचार को सुव्यवस्थित करेगा, जिससे सूचनाओं के अधिक कुशल आदान-प्रदान की सुविधा मिलेगी।
MPLADS के बारे में
- इस योजना के तहत प्रत्येक सांसद को सालाना 5 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं। MPLADS फंड जिला अधिकारी को जारी किया जाता है और सांसदों के पास केवल विकास कार्यों की सिफारिश करने की शक्ति होती है। कार्य पूरा होने पर नामित जिला प्राधिकारी द्वारा भुगतान भी जारी किया जाता है।
- 23 दिसंबर 1993 को प्रधान मंत्री ने संसद में संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) की घोषणा की थी।
- सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय योजना के कार्यान्वयन के लिए नीति निर्माण, निधि जारी करने और निगरानी तंत्र निर्धारित करने के लिए जिम्मेदार है।
- MPLADS भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित एक योजना है।
- इस योजना का उद्देश्य सांसदों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर महसूस की जाने वाली जरूरतों के आधार पर टिकाऊ सामुदायिक संपत्ति के निर्माण पर जोर देने के साथ विकासात्मक प्रकृति के कार्यों की सिफारिश करने में सक्षम बनाना है।
- इस योजना के तहत, प्रत्येक सांसद के पास अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रति वर्ष 5 करोड़ रुपये के कार्यों के लिए जिला कलेक्टर को सुझाव देने का विकल्प होता है। यह राशि 2.5 करोड़-2.5 करोड़ की दो किश्तों में जारी की जाती है।
- सांसदों को हर साल अनुसूचित जाति की आबादी वाले क्षेत्रों के लिए MPLADS पात्रता के कम से कम 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति आबादी वाले क्षेत्रों के लिए MPLADS फण्ड के कम से कम 7.5 प्रतिशत राशि के कार्य की सिफारिश करनी होती है ।
- लोकसभा के संसद सदस्य अपने निर्वाचन क्षेत्र ममें काम करने की सिफारिश कर सकते हैं।
- राज्यसभा के संसद सदस्य उस राज्य के एक या एक से अधिक जिलों में काम करने की सिफारिश कर सकते हैं जहां से वह चुने गए हैं।
- लोकसभा और राज्य सभा के मनोनीत सदस्य इस योजना के तहत अपनी पसंद के काम के कार्यान्वयन के लिए देश के किसी एक राज्य से एक या एक से अधिक जिलों का चयन कर सकते हैं।