मोरबी सस्पेंशन पुल हादसा
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 नवंबर को गुजरात के मोरबी में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें दुर्भाग्यपूर्ण पुल दुर्घटना के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा की गई।
- बता दें कि 30 अक्टूबर की शाम को मच्छु नदी ( River Machchhu) पर बना झूला पुल टूटने (Morbi bridge collapse) से महिलाओं और बच्चों समेत करीब 134 लोगों की मौत हो गई। मोरबी में सस्पेंशन केबल बिल गिरने के मामले में पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार भी किया।
मोरबी सस्पेंशन ब्रिज
- मोरबी सस्पेंशन ब्रिज यूरोप में उन दिनों उपलब्ध नवीनतम तकनीक का उपयोग करके मोरबी को एक विशिष्ट पहचान देने के लिए बनाया गया था।
- 233 मीटर के ऐतिहासिक मोरबी सस्पेंशन ब्रिज का उद्घाटन पहली बार 20 फरवरी, 1879 को तत्कालीन मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था।
- ऐसा माना जाता है कि मोरबी के पूर्व शासक सर वाघजी ठाकोर (Sir Waghji Thakor) द्वारा उत्तराखंड में गंगा नदी पर राम और लक्ष्मण झूलों की तर्ज पर पुल का निर्माण किया गया था।
- सर वाघजी, जिन्होंने 1922 तक मोरबी पर शासन किया, ने “मोरबी के शासकों की प्रगतिशील और वैज्ञानिक प्रकृति” को प्रतिबिंबित करने के लिए पुल का निर्माण किया था।
- यह पुल 1.25 मीटर चौड़ा था और दरबारगढ़ पैलेस और लखधीरजी इंजीनियरिंग कॉलेज को जोड़ने वाली मच्छु नदी पर बना था था। मोरबी से निकटतम हवाई अड्डा राजकोट है, जो शहर से 70 किमी की दूरी पर स्थित है।