मोइरे पदार्थ

नेचर जर्नल में प्रकाशित  हाल ही में किए गए एक अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने बताया कि अर्धचालक पदार्थों से बने मोइरे पदार्थ अतिचालक (superconducting) हो सकते हैं। यह एक ऐसा गुण है जो कभी ग्राफीन प्रणाली के लिए एक्सक्लूसिव माना जाता था।

यह पता लगाना कि अर्धचालक मोइरे पदार्थ अतिचालकता के मामले में ग्राफीन से अलग व्यवहार क्यों करते हैं, क्वांटम पदार्थों की हमारी समझ को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। यह बदले में अधिक असामान्य गुणों और असामान्य अनुप्रयोगों के साथ नई सामग्रियों के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

शोधकर्ताओं ने ट्विस्टेड बाइलेयर टंगस्टन डाइसेलेनाइड (tWSe₂) में अतिचालकता की खोज की, जो एक मोइरे पदार्थ है जो टंगस्टन डाइसेलेनाइड नमक एक अर्धचालक की दो परतों को रखकर और एक परत को एक छोटे कोण से घुमाकर बनाया गया है।

मोइरे पदार्थ दो या दो से अधिक द्वि-आयामी (2D) जालकों के छोटे घूर्णी या जाली स्थिरांक अंतरों के साथ ओवरलैप होने से बनते हैं, जिससे नई आवधिक संरचनाएं बनती हैं।

मोइरे पदार्थों में असामान्य इलेक्ट्रॉनिक और क्वांटम गुण होते हैं।

ग्राफीन से बने पदार्थ को तो अतिचालक भी पाया गया है। भले ही मोइरे पदार्थ की दो परतों में परमाणुओं की व्यवस्था समान हो, लेकिन छोटे मोड़ के कारण हुआ मिसलिग्न्मेंट ऊपर से देखने पर पूरी तरह से अलग पैटर्न बनाता है। इसे मोइरे पैटर्न कहा जाता है।

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