रामसर कन्वेंशन के तहत वेटलैंड सिटी एक्रीडिटेशन के लिए तीन भारतीय शहर नॉमिनेट किए गए

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने वेटलैंड्स पर रामसर कन्वेंशन के तहत वेटलैंड सिटी एक्रीडिटेशन (Wetland City Accreditation: WCA) के लिए भारत से तीन शहरों को नॉमिनेट किया है। ये शहर हैं; इंदौर (मध्य प्रदेश), भोपाल (मध्य प्रदेश) और उदयपुर (राजस्थान)।  

ये पहले तीन भारतीय शहर हैं जिनके लिए WCA दर्जा दिलाने हेतु रामसर कन्वेंशन को डाक्यूमेंट्स सौंपे दिए गए हैं।

ये तीन शहर अपनी आर्द्रभूमियों के लिए प्रसिद्ध हैं। सिरपुर वेटलैंड (इंदौर में रामसर साइट), यशवंत सागर (इंदौर के करीब रामसर साइट), भोज वेटलैंड (भोपाल में रामसर साइट), तथा उदयपुर और उसके आसपास कई वेटलैंड्स (झीलें) इन शहरों के लिए लाइफलाइन हैं।

उदयपुर शहर पिछोला, फतेह सागर, रंग सागर, स्वरूप सागर और दूध तलाई जैसी पांच प्रमुख वेटलैंड्स  से घिरा हुआ है।

रामसर कन्वेंशन  पर वर्ष 2015 में आयोजित COP12 के दौरान ने एक स्वैच्छिक वेटलैंड सिटी एक्रीडिटेशन प्रणाली को मंजूरी दी गयी थी।

यह प्रणाली  शहरी और उपनगरीय (urban and peri-urban) एनवायरनमेंट में आर्द्रभूमियों के महत्व को रेखांकित करती है और इन आर्द्रभूमियों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए उचित उपाय करती है।

यह एक स्वैच्छिक योजना है।

वेटलैंड सिटी एक्रीडिटेशन  योजना का उद्देश्य शहरी और पेरी-शहरी वेटलैंड्स के संरक्षण और उचित तरीके से उपयोग को बढ़ावा देना है, साथ ही स्थानीय आबादी को  सस्टेनेबल सामाजिक-आर्थिक लाभ भी प्रदान करना है।

औपचारिक रूप से वेटलैंड सिटी एक्रीडिटेशन का दर्जा प्राप्त होने के लिए, किसी शहर को वेटलैंड्स पर रामसर कन्वेंशन के WCA के लिए ऑपरेटिंग गाइडलाइन्स में दिए गए छह इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स में से प्रत्येक को लागू करने के लिए उपयोग किए जाने वाले मानकों को पूरा करना चाहिए

बता दें कि पर्यावरण मंत्रालय अमृत धरोहर पहल चला रहा है जिसका उद्देश्य भी रामसर साइट्स के संरक्षण की विशेष  महत्ता को उजागर करके वेटलैंड सिटी एक्रीडिटेशन के समान लक्ष्यों को प्राप्त करना है।

अमृत धरोहर पहल में भी स्थानीय समुदायों को रामसर साइट्स के संरक्षण में भागीदार बनाया जाता है और उन्हें इसका लाभ प्राप्त होता है। 

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