केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने प्रोजेक्ट परी लॉन्च किया

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने यूनेस्को की 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक के लिए परियोजना परी (Project PARI) की शुरुआत की है। परियोजना परी/PARI (Public Art of India) संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की एक पहल है।

इसे ललित कला अकादमी और राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।

इस परियोजना का उद्देश्य ऐसी पब्लिक आर्ट को सामने लाना है जो आधुनिक विषयों और तकनीकों को शामिल करते हुए हजारों साल पुरानी कलात्मक विरासत (लोक कला/लोक संस्कृति) से प्रेरणा लेती हो।

परियोजना परी के तहत पहली प्रदर्शनी दिल्ली में हो रही है। यह 21-31 जुलाई 2024 के बीच नई दिल्ली, भारत में आयोजित होने वाले विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र के साथ मेल खाता है।

इस गतिविधि में शामिल कुछ रचनात्मक कैनवस हैं; फड़ पेंटिंग (राजस्थान), थंगका पेंटिंग (सिक्किम/लद्दाख), मिनिएचर पेंटिंग (हिमाचल प्रदेश), गोंड कला (मध्य प्रदेश), तंजौर पेंटिंग (तमिलनाडु), कलमकारी (आंध्र प्रदेश), अल्पना कला (पश्चिम बंगाल), चेरियल पेंटिंग (तेलंगाना), पिछवाई पेंटिंग (राजस्थान), लांजिया सौरा (ओडिशा), पट्टचित्र (पश्चिम बंगाल), बणी-ठणी पेंटिंग (राजस्थान), वरली (महाराष्ट्र), पिथौरा कला (गुजरात), ऐपण (उत्तराखंड), केरल भित्ति चित्र (केरल), अल्पना कला (त्रिपुरा) आदि।

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