सभी पैकेज्ड वस्तुओं पर ‘निर्माण की तारीख’ और ‘यूनिट बिक्री मूल्य’ प्रिंट करना अनिवार्य
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 1 जनवरी 2024 से सभी पैकेज्ड वस्तुओं पर ‘निर्माण की तारीख’ और ‘यूनिट बिक्री मूल्य’ प्रिंट करना अनिवार्य कर दिया है।
इससे पहले, कंपनियों को पैक किए गए वस्तुओं पर ‘निर्माण की तारीख’ या ‘आयात की तारीख’ या पैकेजिंग की तारीख मुद्रित करने का विकल्प दिया गया था।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम अधिसूचना के अनुसार, अब कंपनियों को ‘यूनिट बिक्री मूल्य’ के साथ केवल ‘निर्माण की तारीख’ मुद्रित करने के लिए अनिवार्य किया गया है।
चूंकि पैक की गई वस्तुएं अलग-अलग मात्रा में बेची जाती हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि उपभोक्ता पैक की गई वस्तुओं के ‘यूनिट बिक्री मूल्य’ के बारे में जागरूक हों और सोच-समझकर खरीदारी का निर्णय लें।
निर्माण की तारीख प्रिंट होने से उपभोक्ताओं को यह जानने में मदद मिलेगी कि पैक की गई वस्तु कितनी पुरानी है और उन्हें खरीदारी हेतु सचेत निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
यूनिट सेल प्राइस की प्रिंट होने से उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट लागत का पता लगाना आसान हो जाएगा। उदाहरण के लिए, 2.5 किलोग्राम के पैकेज्ड गेहूं के आटे में अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) के साथ प्रति किलोग्राम यूनिट बिक्री मूल्य होगा।
इसी प्रकार, एक किलोग्राम से कम मात्रा की पैकेज्ड वस्तु का बिक्री मूल्य उत्पाद की कुल MRP के साथ प्रति ग्राम मूल्य अंकित होगा।