भारत में रेमिटेंस फ्लो पहली बार 100 बिलियन डॉलर के पार पहुंचेगा-विश्व बैंक  

विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित प्रवासन और विकास ब्रीफ (Migration and Development brief) के अनुसार, भारत में रेमिटेंस प्रवाह में 12 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है और पहली बार इसके 2022 में 100 बिलियन डॉलर पहुंच जाने का अनुमान है।

इससे भारत को अपना शीर्ष स्थान बनाए रखने में मदद मिलेगी। इस मामले में भारत मैक्सिको, चीन और फिलीपींस से आगे निकल गया है।

2020-21 में कुल रेमिटेंस के 23% हिस्से के साथ यू.एस., भारत में रेमिटेंस का सबसे स्रोत देश बन गया है और संयुक्त अरब अमीरात दूसरे स्थान पर चला गया है।

संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य ओईसीडी देशों में वेतन वृद्धि और एक मजबूत श्रम बाजार की वजह से भारत में रेमिटेंस वृद्धि अनुमानित है।

उच्च आय वाले देशों से भारत में कैश ट्रांसफर 2020-21 में 36% से अधिक हो गया, जो 2016-17 में 26% था। सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात सहित पांच खाड़ी देशों की हिस्सेदारी इसी अवधि में 54% से घटकर 28% हो गई।

रेमिटेंस निम्न और मध्यम आय वाले देशों में परिवारों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है क्योंकि यह गरीबी को कम करने और रेसिलिएन्सी को बढ़ावा देने में मदद करता है जबकि नवजात शिशुओं के जन्म के समय वजन को बढ़ाने में मदद करता है और बड़े बच्चों के स्कूल नामांकन दर में भी सुधार करता है।

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