मिशेल टैलग्रांड ने जीता 2024 का एबेल पुरस्कार

मिशेल टैलग्रांड (Michel Talagrand) ने संभाव्यता सिद्धांत (probability theory) और रैंडमनेस का वर्णन करने पर अपने शोध के लिए 2024 का एबेल पुरस्कार (Abel prize) जीता है।

एबेल पुरस्कार को कभी-कभी गणित का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है।

फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च (CNRS) से जुड़े टैलग्रैंड ने अपने चार दशक के करियर का एक बड़ा हिस्सा रैंडम, या स्टोकेस्टिक, प्रणालियों की चरम सीमाओं को चित्रित करने में बिताया है।

शुरू से ही, संभाव्यता सिद्धांत का विकास गैंबलिंग या जोखिमों के आकलन के संदर्भ में उत्पन्न होने वाली समस्याओं से प्रेरित रहा है।

मिशेल टैलग्रांड की अभूतपूर्व खोजों में कॉमन विषय उन रैंडम प्रक्रियाओं के साथ शोधकरना और उन्हें समझना है जो हम अपने चारों ओर देखते हैं।

अब यह स्पष्ट हो गया है कि आज की दुनिया में रैंडम घटनाओं की गहन समझ आवश्यक है। उदाहरण के लिए, रैंडम एल्गोरिदम हमारे मौसम पूर्वानुमान और लार्ज लैंग्वेज मॉडल को रेखांकित करते हैं।

टैलग्रांड ने सिस्टम के लिए गणितीय उपकरण और समीकरण भी विकसित किए, जो रैंडम होते हुए भी, अपनी यादृच्छिकता में कुछ पूर्वानुमेयता (predictability) प्रदर्शित करते हैं।

एबेल पुरस्कार नॉर्वेजियन एकेडमी ऑफ साइंस एंड लेटर्स द्वारा प्रदान किया जाता है।

यह पुरस्कार गणित में जीवन भर की उपलब्धि को मान्यता देता है। पुरस्कार के तौर पर 7.5 मिलियन नॉर्वेजियन क्रोनर (लगभग £600,000) की राशि प्रदान की जाती है।

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