मणिपुर ने ऋण लेने वालों की सहायता के लिए RBI के “दंगा-अशांति राहत उपायों” को लागू किया

मणिपुर सरकार ने राज्य में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रायट रिलीफ उपायों (RBI’s riot relief measures) को लागू करने का फैसला किया है। चूंकि राज्य में दंगा और हिंसा ने अधिकांश लोगों की आर्थिक गतिविधियों और आजीविका को प्रभावित किया है, इसलिए राज्य ने राहत उपाय के रूप में इस RBI के उपाय को लागू करने का निर्णय लिया है।

बता दें कि अब तक, RBI दिशानिर्देशों का उपयोग ज्यादातर प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में किया जाता रहा है, न कि बदतर  कानून और व्यवस्था की स्थितियों में।

भारतीय रिजर्व बैंक (प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा राहत उपाय) दिशानिर्देश, 2018

राज्य सरकार के आदेश में कहा गया है कि “दंगों और अशांति” (Riots and Disturbances) से संबंधित “भारतीय रिजर्व बैंक (प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा राहत उपाय) दिशानिर्देश, 2018” (Reserve Bank of India (Relief Measures by Banks in Areas Affected by Natural Calamities) Directions, 2018) का अध्याय VII राज्य पर लागू होता है।

जब भी RBI बैंकों को दंगा/अशांति प्रभावित व्यक्तियों को पुनर्वास सहायता देने की सलाह देता है, तो इस उद्देश्य के लिए बैंकों द्वारा मोटे तौर पर उपर्युक्त दिशानिर्देशों का पालन किया जा सकता है।

निर्देशों के अनुसार, दंगों की घटना के समय ऋण बकाया (overdue) को छोड़कर सभी अल्पकालिक ऋण पुनर्संरचना (रिस्ट्रक्चर) के लिए पात्र होंगे।

फसल ऋण के लिए, यदि हानि 33 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच है, तो अधिकतम पुनर्भुगतान अवधि दो वर्ष तक की अनुमति दी जानी चाहिए। यदि फसल का नुकसान 50 प्रतिशत या अधिक है, तो पुनर्भुगतान अवधि अधिकतम पांच वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है।

सभी रिस्ट्रक्चर ऋण खातों में, कम से कम एक वर्ष की मोरेटोरियम अवधि पर विचार किया जाना चाहिए।

बैंकों को ऐसे रिस्ट्रक्चर ऋणों के लिए अतिरिक्त कोलैटरल  सुरक्षा पर जोर नहीं देना चाहिए। अन्य सभी ऋणों में, राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति (SLBC) और जिला सलाहकार समिति (DCC) को यह निर्दिष्ट करना होगा कि किन ऋणों को रिस्ट्रक्चर करने की आवश्यकता है। उसके आधार पर और नुकसान की सीमा के आधार पर, व्यक्तिगत बैंकों द्वारा ऋणों को रिस्ट्रक्चर किया जाएगा।

नए ऋण जारी करने का निर्णय भी SLBC या DCC के निर्णय के आधार पर लिया जाएगा।

बैंक मौजूदा ऋणियों को बिना किसी गारंटी के 10,000 रुपये तक का उपभोग ऋण भी देंगे।

जिन लोगों ने दंगों की आपदा के कारण अपने डॉक्यूमेंट खो दिए हैं, बैंकों को ऐसे लोगों के लिए नए खाते खोलने की ज़रूरत है। यह वहां लागू होगा जहां खाते में शेष राशि 50,000 रुपये से अधिक नहीं होगी।  

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