“दांडपट्टा” को महाराष्ट्र का “स्टेट वेपन’ घोषित किया गया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवनेरी किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर ‘दांडपट्टा’ या गौंटलेट तलवार (dand patta’ or gauntlet sword) को “स्टेट वेपन’ घोषित किया। बता दें कि शिवनेरी किला शिवाजी का जन्मस्थान भी है।
कथित तौर पर इस ‘दांडपट्टा’ का इस्तेमाल छत्रपति शिवाजी महाराज और अन्य मराठा योद्धाओं द्वारा किया जाता था। दांडपट्टा में चार फीट तक की दोधारी तलवार शामिल होती है जिसमें हाथ की सुरक्षा के लिए एक गौंटलेट भी शामिल होता है।
दांडपट्टा संरचना मूल रूप से दो भागों में विभाजित है. एक है खोबला और दूसरा है पाते (बिना मूठ के तलवार की मूठ) जबकि दंडपट्टी की खोबला हथियार की मूठ है।
मध्यकाल के दौरान इसका व्यापक रूप से उपयोग किया गया था और कई चित्रों में शिवाजी को हथियार के साथ चित्रित किया गया है। जब शिवाजी पर बीजापुर के आदिल शाह के सेनापति अफजल खान ने हमला किया था, तो उसके अंगरक्षक बड़ा सैयद ने प्रतापगढ़ की लड़ाई में शिवाजी महाराज पर तलवारों से हमला किया था तो इस दौरान उनके प्रमुख अंगरक्षक जिवा महाला ने सैयद का एक हाथ धड़ से अलग कर उसे मार गिराया था।
सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सिल्वर पॉम्फ्रेट को “राज्य मछली” घोषित किया।