महान लेखक एम.टी. वासुदेवन नायर का निधन
भारत के सर्वकालिक महान लेखकों में से एक एम.टी. वासुदेवन नायर (M.T. Vasudevan Nair) का 25 दिसंबर, 2024 को कोझीकोड के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे।
वह एक असाधारण पटकथा लेखक (scriptwriter) भी थे, जिन्होंने मलयालम सिनेमा में पटकथा लेखन की कला में क्रांति ला दी और कई ऐतिहासिक फिल्में लिखीं। उनमें से कुछ फिल्मों का निर्देशन एम.टी. ने खुद किया था।
निर्देशक के तौर पर उनकी पहली फिल्म निर्मलयम ने 1974 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था। उन्हें फिल्मों का निर्देशन करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी और उन्हें फिक्शन लिखने में ज्यादा खुशी मिलती थी।
उनके उपन्यास जैसे रंदामूझम, असुराविथु, मंजू, कालम और नालुकेट्टू, पहली बार प्रकाशित होने के दशकों बाद भी छपते रहे हैं। उनकी कई कृतियों का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया। वास्तव में, वह भारत के सबसे अधिक अनुवादित क्षेत्रीय भाषा के लेखकों में से एक थे।
उन्हें 1995 में ज्ञानपीठ से सम्मानित किया गया था। वह एक पत्रकार भी थे और बाद में मातृभूमि पत्रिका के संपादक बने। एक संपादक के रूप में, उन्होंने कई युवा लेखकों को मार्गदर्शन दिया।