Ludwigia peruviana: दक्षिण अमेरिकी जलीय घास का हाथी के हैबिटेट पर कब्ज़ा

पेरू सहित मध्य और दक्षिण अमेरिका के कुछ देशों में पाई जाने वाली एक जलीय घास (aquatic weed) तमिलनाडु के हिल स्टेशन वालपराई में हाथियों के हैबिटेट और चारागाह क्षेत्रों को खतरे में डाल रही है।

वलपराई तमिलनाडु में केरल सीमा के करीब एक हिल स्टेशन है।

लुडविगिया पेरुवियाना (Ludwigia peruviana) नामक यह जलीय घास वाटर बॉडी के किनारे तेजी से बढ़ता है। संभवतः इसे इसके छोटे पीले फूलों के लिए एक सजावटी पौधे के रूप में भारत में लाया गया था।

यह हिल स्टेशन के अधिकांश दलदलों पर अपना कब्ज़ा जमा लिया है। इन दलदली भूमि को स्थानीय रूप से वायल (vayal) कहा जाता है, जहां हाथियों को गर्मियों में भी हरी-भरी घास मिलती थी।

वन विभाग का कहना है कि इनमें से अधिकतर दलदल निजी संपदा में स्थित हैं, जो खरपतवार हटाने की पेचीदा प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार हैं।

खरपतवार के तेजी से बड़े पैमाने पर फैलने से इन बारहमासी चारागाहों के संतुलन को बिगाड़ दिया है, जिससे घास और देशी पौधों की वृद्धि सीमित हो गई है जो हाथियों और गौर सहित अन्य जानवरों के लिए स्वादिष्ट हैं।

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