लोकसभा ने जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया
लोकसभा ने 27 जुलाई 2023 को जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 (Jan Vishwas (Amendment of Provisions) Bill, 2023) पारित कर दिया। इस विधेयक को वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में पेश किया था।
विधेयक पहली बार 22 दिसंबर 2022 को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था। इसके बाद, इसे संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया था।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान
जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 के माध्यम से, 19 मंत्रालयों/विभागों द्वारा प्रशासित 42 केंद्रीय अधिनियमों में कुल 183 प्रावधानों को अपराध मुक्त करने का प्रस्ताव किया जा रहा है।
कुछ प्रावधानों में कारावास और/या जुर्माना दोनों को हटाने का प्रस्ताव है।
संशोधन विधेयक आपराधिक प्रावधानों को तर्कसंगत बनाने और यह सुनिश्चित करने में योगदान देगा कि नागरिक, व्यवसाय और सरकारी विभाग मामूली, तकनीकी या प्रक्रियात्मक कमी के लिए जेल जाने के डर के बिना काम करें।
नागरिकों और कुछ श्रेणियों के सरकारी कर्मचारियों को प्रभावित करने वाले प्रावधानों को अपराधमुक्त करने से उन्हें मामूली उल्लंघनों के लिए कारावास से डरे बिना जीवन जीने में मदद मिलेगी।
108 पेज के जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक में बॉयलर अधिनियम; आधार अधिनियम, 2016; लीगल मेट्रोलॉजी अधिनियम, 2009; सांख्यिकी संग्रह अधिनियम; सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 और खाद्य संरक्षा और मानक अधिनियम 2006 शामिल हैं।
छोटे अपराधों को अपराधमुक्त करने के अलावा, विधेयक में मौद्रिक दंड को तर्कसंगत बनाने की परिकल्पना की गई है। इसमें अधिनियम के लागू होने के हर तीन साल के बाद दंड और जुर्माने की न्यूनतम राशि में 10% की वृद्धि का प्रस्ताव है।